दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस में दिल्ली हाई कोर्ट में बड़ी दिलचस्प सुनवाई हुई। इस दौरान जहां जेटली भावुक हुए, वहीं केजरीवाल के वकील पूर्व भाजपा नेता राम जेठमलानी ने उनकी \'महानता\' पर सवाल उठाए। जेठमलानी ने जेटली से लंबी जिरह की।
उन्होंने जेटली के लिए 52 सवाल रखे। इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे जबकि 8,9 सवालों को कोर्ट की तरफ से खारिज कर दिया गया। करीब दो घंटे तक चली इस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि \'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? कहीं यह मामला \'खुद को महान समझने\' का तो नहीं है?
सुनवाई के दौरान भावुक होते नजर आए जेटली ने कहा- \'मेरे खिलाफ मीडिया में आरोप लगाए गए। संसद में भी इसी तरह के सवाल मेरे ऊपर खड़े किए गए। लगातार पांच दिन तक मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई। जबकि मैं आरोपों का लगातार खंडन करता रहा। मेरी छवि को जिस तरह से खराब किया गया, उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती। मेरे ओहदे, पृष्ठभूमि और प्रतिष्ठा को देखें तो मेरे सम्मान को इतना बड़ा नुकसान पहुंचा है कि उसे मापा नहीं जा सकता।\'
वहीं जेठमलानी का कहना था कि केंद्रीय मंत्री को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है। यही वजह है कि वह कह रहे हैं कि इसे मापा नहीं जा सकता? उन्होंने पूछा- \'आपको ऐसा क्यों लगता है कि नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती? आपने अपनी मानहानि की कीमत 10 करोड़ रुपए कैसे आंकी?\'
इस पर जेटली ने कहा- \'मेरी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस की कुछ हद तक कीमत में आंका जा सकता है। सम्मान के खोने से बदनाम हुए व्यक्ति को दिमागी तनाव पहुंचता है और मेरे साथ भी यही हुआ है।\'
इस पर जेठमलानी ने पलटवार करते हुए कहा- \'दूसरे शब्दों में यह आपका मानना है कि आप इतने महान हैं कि इसे आर्थिक तौर पर नहीं मापा जा सकता।\'
केजरीवाल ने अरुण जेटली पर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जेटली 13 साल तक (2013 तक) डीडीसीए के अध्यक्ष थे।
आरोपों के खिलाफ जेटली अदालत गए और केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपए का मानहानि दावा किया। इसके अलावा उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में इसी मामले में आपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज करवाया है।