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कांकेर के गढ़चिरौली सेशन कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो. जेएन सांई बाबा समेत 6 लोगों को उम्रकैद की सजा दी है। बाकी दोषियों में हेम मिश्रा, प्रशांत राही, विजय तिर्की, पांडू नरोटे व महेश तिर्की शामिल हैं। इन पर नक्सलियों की मदद का आरोप साबित हुआ है।कड़ी सुरक्षा के बीच प्रो. सांई बाबा समेत सभी आरोपियों को गढ़चिरौली कोर्ट लाया गया। 3:10 बजे कोर्ट ने सजा सुनाई। यह पहला मौका है, जब नक्सल मामले में एक साथ 6 लोगों को उम्रकैद की सजा हुई है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी के प्रो. सांई बाबा (51) को 9 मई 2014 को गिरफ्तार किया गया था।
इन पर नक्सलियों के बड़े नेताओं से संपर्क में रहने व उनके बीच मध्यस्थ का काम करने का आरोप था। माओवादी संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने में इनकी प्रमुख भूमिका बताई गई है। पुलिस आरोप पत्र के अनुसार नक्सली संगठन में सांई बाबा 'प्रकाश और चेतन' के नाम से जाने जाते थे।
विदेशी दौरों के खतरनाक उद्देश्य : प्रो. सांई बाबा खतरनाक उद्देश्य के लिए हॉलैंड, लंदन, जर्मनी, ब्राजील, अमेरिका, हांगकांग के साथ- साथ जर्मनी का दौरा भी कर चुके हैं। इन यात्राओं का लक्ष्य तमाम आतंकवादी संगठन खासकर माओवाद से प्रभावित उग्रवादियों को संगठित करना व नेटवर्क को मजबूत बनाना था। प्रो. सांई बाबा आंध्रप्रदेश के उ. गोदावरी जिले के अमलापुरम के रहने वाले हैं। शारीरिक दिक्कतों के चलते ट्राइसिकल से आवाजाही करते हैं।
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