आतंकी सैफुल्ला पर शुरू हुई सियासत
आतंकी सैफुल्ला

 

 

लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एटीएस के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकी सैफुल्ला को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। इस मामले को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने सवाल उठाए हैं।

कांग्रेसी नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि सैफुल्ला का जब तक आईएस से कनेक्शन साबित नहीं हो जाता, उसका इनकाउंटर नहीं किया जाना चाहिए था। कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार आतंकवाद पर लगाम लगाने में नाकाम रही और देश आईएस का गढ़ बन गया।

इससे पहले लखनऊ एनकाउंटर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने पीएम के बयान का हवाला दिया। कहा, मोदी ने बोला था कि नोटबंदी से आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा हुआ है? उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर भी तंज कसा। कहा, आखिर आईएस क्यों मुस्लिम युवकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है? इसपर सोचने की जरूरत है।

असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर कांग्रेस और बीजेपी पर सियासत का आरोप लगाया और कहा कि दोनों दल राजनीतिक लाभ के लिए मुसलमानों का जिक्र कर रहे हैं। असदद्दीन औवेसी ने कहा कि देश में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। युवाओं को जम्हूरित में आगे आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उस बच्चे के पिता ने तो मान लिया है कि सैफुल्ला आतंकी था और उसका शव लेने से इंकार कर दिया। मगर, अजमेर ब्लास्ट के मामले में क्या आरएसएस कभी मानेगा कि उसके लोग गलत काम कर रहे थे।

उधर, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ एनकाउंटर के लाइव अपडेट्स को लेकर खासे नाराज हैं। यूपी पुलिस की ओर से मीडिया में जिस तरह से ऑपरेशन के लाइव अपडेट दी जा रही थी, उस पर गृहमंत्रालय को कड़ी आपत्ति है।

दरअसल, मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद ऐसे ऑपरेशन के लिए सभी राज्यों के डीजी, अन्य सीनियर अधिकारियों और एक्सपर्ट्स ने गाइडलाइंस बनाई थी। मगर, लखनऊ इनकाउंटर में पुलिस अधिकारियों ने उसका पालन नहीं किया। वे चैनल्स को लगातार घटनाक्रम के बारे में अपडेट्स दे रहे थे।