29 हजार बच्चों की मौत ,14 लाख से ज्यादा कुपोषित
विधानसभा में  कुपोषण

 

भोपाल में मध्यप्रदेश विधानसभा में  कुपोषण से मौत को लेकर  पक्ष-विपक्ष के विधायक सवाल पर सवाल उठा रहे हैं।  विधायक रामनिवास रावत के सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने माना एक साल में प्रदेश 29 हजार 410 बच्चों की मौत हो गई।

ये मौतें निमोनिया, टीबी, मलेरिया, मीजल्स सहित अन्य बीमारियों के कारण हुई। इनमें 6 साल से कम उम्र के 28 हजार 948 बच्चे हैं। 462 बच्चे 6 साल से अधिक उम्र के थे। रावत ने कहा कि कुपोषण के कारण बच्चों में प्रतिरोध क्षमता कम हो जाती है और बुखार, निमोनिया, मीजल्स जैसी बीमारियों से उनकी जान चली जाती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य का आंकड़ा देकर सरकार कुपोषण से मौत को छिपाने की कोशिश कर रही है। सरकार ये तो मान रही है कि प्रदेश में लाखों की संख्या में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चे हैं, लेकिन उनकी मौत कुपोषण से मानने को तैयार नहीं है। विधायक सुंदरलाल तिवारी, दीवान सिंह पटेल और विक्रम सिंह ने कुपोषण और पोषणाहार पर सवाल किए।

जवाब में मंत्री चिटनिस ने माना कि पूरे प्रदेश में 0 से 5 साल की उम्र तक के 14 लाख 37 हजार 588 बच्चे कुपोषित हैं। इनमें से 1 लाख 41 हजार 451 अतिकुपोषित हैं।

 

छह साल से कम उम्र के बच्चे 

 

बीमारी-- बच्चों की मौत

 

निमोनिया----1701

 

डायरिया ----0150

 

बुखार ----1195

 

मीजल्स ----0012

 

अन्य ----25440

 

कुल---- 28948

 

छह साल से अधिक उम्र के बच्चे 

 

डायरिया ---022

 

टीबी-----0027

 

श्वसन रोग ----0087

 

मलेरिया---0010

 

बुखार ---0346

 

462

 

कुल : 29410

 

कुपोषण पर श्वेतपत्र कब लाएगी, बता नहीं पाई सरकार 

कुपोषण पर श्वेतपत्र कब लाया जाएगा, इस बारे में सरकार अभी तक नहीं बता पाई। विधायक बाला बच्चन के सवाल के लिखित जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने माना कुपोषण को लेकर सरकार द्वारा श्वेत पत्र लाने की बात कही गई थी। इसका काम चल रहा है। उन्होंने यह भी माना कि पूरक पोषण आहार प्रदायगी व्यवस्था में बदलाव के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। साथ ही न्यायालय में भी इससे संबंधित मामला विचाराधीन है। जिसमें यथास्थिति के निर्देश है। इन दोनों पहलुओं को लेकर सिंमति विचार कर रही है।