निगम-मंडल अध्यक्ष लाभ के पद से बाहर
निगम-मंडल

 

 

शिवराज सिंह कैबिनेट ने मध्यप्रदेश के निगम मंडलों को लाभ के दायरे से बाहर लाने मध्यप्रदेश विधानमंडल सदस्य निर्हरता निवारण(संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक विधानसभा में पेश होगा। वहीं मौजूदा सत्र के लिए पांच हजार 200 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्ताव भी सरकार लाएगी। मध्यप्रदेश विधानमंडल सदस्य निर्हरता निवारण संशोधन विधेयक  के लागू होने के बाद प्रदेश के सांसद-विधायक निगम-मंडलों में भी पदस्थ किए जा सकें गे। जिन निगम मंडलों को लाभ के दायरे से बाहर किया जा रहा है उनमें कृषक आयोग, राज्य सामान्य वर्ग निर्धन कल्याण आयोग, राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग, बुंदेलखंड  व महाकौशल विकास प्राधिकरण, मछुआ कल्याण बोर्ड, कुक्कुट विकास निगम, व्यापार संवर्द्धन सलाहकार बोर्ड और बीज विकास निगम शामिल है। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मेडिकल कालेजों द्वारा संचालित अस्पतालों में उपकरण की खरीदी चिकित्सकों से नहीं कराने का फैसला सरकार ने लिया है। एक लाख तक के उपकरण की खरीदी का अधिकारी डीन को होगा। इससे अधिक की खरीदी केंद्र की तर्ज पर एचएलएल और एचएससीसी कम्पनी से की जाएगी।  

 विधानसभा के बजट सत्र में ही आवास गारंटी विधेयक मंजूरी के लिए सदन में पेश किया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट में प्रदेश में वर्ष 2022 तक 25 हजार पुलिस आवासों के निर्माण पर भी सहमति व्यक्त की गई है। आवास गारंटी विधेयक पास होने के बाद मध्यप्रदेश में पैदा हुए सभी आवासहीनों को जमीन या मकान देने की घोषणा पर अमल शुरू हो जाएगा। 

आवास गारंटी विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खाद्य मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे को तब बोलने से रोक दिया जब वे इस योजना को लेकर डिंडोरी जिले में किए गए कामों का बखान करने लगे। सीएम चौहान ने कहा कि अभी यह विषय इस पर बात करने का नहीं है।

ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों को पांच हार्स पावर के पंप कनेक्शन के मामले में दी जाने वाली सब्सिडी पर चर्चा के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा कि सरकार सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के खाते में जमा करे। ऊर्जा विभाग को सब्सिडी की राशि नहीं दी जानी चाहिए। 

 इसके अलावा व्यापारियों के वेट से संबंधित अपीलों की सुनवाई दो साल के बजाय एक साल में ही करवाने के लिए वेट संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई और अपंजीकृत व्यापारियों को वेट से जोड़ने और व्यापारियों की अपील का निपटारा एक साल के भीतर करने के लिए मध्यप्रदेश वेट संशोधन विधेयक 2017 पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई।

आगर जिले में पॉलीटेक्निक महाविद्यालय शुरू करने और भोपाल के ग्राम समरधा में 11 मील चौराहा पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (बीमाक)संस्था की स्थापना।

मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन का नाम बदलेगा। 112 नायब तहसीलदारों की सीधी भर्ती को मंजूरी। एक भर्ती शर्तों में दी जाएगी छूट। मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 में संशोधन।