मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वे तथा किसी अन्य राज्य के मुख्यमंत्री केंद्र में मंत्री नहीं बनने जा रहे हैं। इस तरह की अफवाहें लोग जबरन चला रहे हैं। हम राज्य में ही रहेंगे और केंद्र में नहीं जाएंगे। मेरे अलावा महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फड़नवीस, छत्तीसगढ़ के रमन सिंह और राजस्थान की वसुंधरा राजे सिंधिया राज्य में ही काम करेंगे। सीएम चौहान ने आज मुंबई में इंडिया टुडे कान्क्लेव में ये बातें कहीं। इस कान्क्लेव में तीन राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए जिसमें मध्यप्रदेश के सीएम चौहान के अलावा महाराष्ट्र के देवेन्द्र फड़नवीस और जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती भी मौजूद रहीं। उन्होंने केंद्र में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर एमपी, महाराष्ट्र के सीएम को दिल्ली में मंत्रालय देने संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि हर राज्य में अफवाह चल रही है। केंद्र में कौन सा मंत्रालय संभालेंगे, इस सवाल के जवाब को देने से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह राजनीतिक सवाल है। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण व नदी संरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि नर्मदा नदी के संरक्षण का काम एमपी में चल रहा है। सीएम चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनका मंत्रिमंडल तथा राज्यों के मुख्यमंत्री टीम इंडिया की तरह काम कर रहे हैं। नीति आयोग को लेकर किए गए सवाल के जवाब में सीएम चौहान ने कहा कि इस आयोग के बनने के बाद विकास की प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। नीति आयोग किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। इस दौरान जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र के सीएम ने इन्हीं मसलों पर अपनी राय व्यक्त की।
पब्लिक के बीच रहने वाला मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वे पब्लिक में रहने वाले मुख्यमंत्री हैं। इसलिए पब्लिक की समस्याओं को समझता हूं और उसका निदान भी करता हूं। नोटबंदी से मध्यप्रदेश में किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई। किसी को गुस्सा नहीं आया। कुछ नेताओं ने नोटबंदी के खिलाफ लोगों को भड़काने की कोशिश की तो भीड़ ने पीएम मोदी जिंदाबाद के नारे लगाकर उन्हें चुप करा दिया। मुख्यमंत्री चौहान ने नोटबंदी के मुद्दे पर कहा कि कांग्रेस की नादानी थी कि नोटबंदी को लेकर बैठ गई और खुद विरोध झेला। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने पब्लिक की नस नहीं पकड़ी तो खत्म हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि लोगों को थोड़ा परेशानी होगी और थोड़ी परेशानी लोगों ने झेली लेकिन मध्यप्रदेश में किसी ने उनसे शिकायत नहीं की।