मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने से परेशान संगठन ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे विधायकों से बात कर उनकी समस्याओं का निराकरण करें। बजट सत्र के बाद मंत्रियों से एमएलए के साथ वन टू वन करने को कहा गया है। इसके बाद सीएम विधायकों से बात करेंगे।
विधानसभा में भाजपा विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार को घेरना नया नहीं है। विधानसभा के हर सत्र में भाजपा विधायक अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर न सिर्फ अंगुली उठाते रहे हैं बल्कि कई अवसरों पर वह मंत्रियों पर असत्य जानकारी देने के आरोप भी मढ़ते रहे हैं। चुनाव के करीब आते ही संगठन को अब विधायकों के मुखर होने की चिंता सताने लगी है। पचमढ़ी में हुए विधायकों के प्रशिक्षण सत्र में भी प्रदेशाध्यक्ष ने एमएलए को सरकार को न घेरने की नसीहत दी थी पर बजट सत्र में जब इस नसहीहत को दरकिनार कर विधायकों ने अपनी ही सरकार को फिर घेरा तो संगठन नेताओं ने कुछ विधायकों से से बात की। विधायकों को आरोप था कि मंत्री उनकी सुनते ही नहीं न ही उन्हें मिलने का समय देते हैं। ऐसे में सदन ही उनके पास अपनी बात कहने का मंच बचता है। सूत्रों की माने तो इसे लेकर प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और संगठन महामंत्री सुहास भगत ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से दो दिन पूर्व सीएम हाऊस में चर्चा की थी। सीएम से बातचीत के बाद संगठन ने मंत्रियों को विधायकों से वन टू वन बात करने को कहा है। बजट सत्र के बाद विधायकों से क्षेत्रवार मुलाकात कर मंत्री उनके विभाग से संबंधित कामों के बारे जानेंगे।