सीहोर के बाबरी ग्राम में मुख्यमंत्री चौहान की घोषणा
नर्मदा सेवा यात्रा पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जन-जागरण का एक बहुत बड़ा अभियान बन चुकी है। नर्मदा में अविरल जलधारा हमेशा बनी रहे इस उद्देश्य से नर्मदा के दोनों तट पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जायेगा। आगामी 2 जुलाई को अमरकंटक से बड़वानी तक एक साथ नर्मदा तट पर लाखों पौधे रोपे जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज सीहोर जिले के नसरूल्लागंज विकासखंड के ग्राम बाबरी में नर्मदा सेवा यात्रा पर जनसंवाद को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, साध्वी सुश्री प्रज्ञा भारती, मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, मध्यप्रदेश वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री गुरूप्रसाद शर्मा, मध्यप्रदेश वेयर हाउस कार्पोरेशन के अध्यक्ष श्री आर.एस. राजपूत, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पाण्डेय के अलावा निर्वाणी बाबा लक्ष्मण दास महाराज, प्रसिद्ध भजन गायक चरण सिंह सोढी सहित जन-प्रतिनिधि और संतजन मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा तट पर स्थित शहरों का गंदा पानी अब नर्मदा नदी में नहीं मिलने दिया जायेगा। इसके लिये सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शहरों में स्थापित कर मलजल को शुद्ध किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास 11 मई को करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार नरवाई को जलाने पर रोक लगाने के लिए सब्सिडी पर ऐसे रोटा वेटर किसानों को उपलब्ध करवायेगी जिसमें गेहूँ के साथ-साथ भूसा भी सुरक्षित रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से गौमाता के लिये भूसा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम के दौरान शाजापुर जिले के ग्राम पोलाम कला की भजन गायिका बालिका दुर्गा के भजन से प्रभावित होकर एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया।
पूर्व मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कहा कि पिछले एक दशक में श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के रूप में अनेकों सराहनीय कार्य किये पर अब तक सबसे अधिक सराहनीय व प्रशंसनीय कार्य \'नर्मदा सेवा यात्रा\' ही है। उन्होंने कहा कि यात्रा में वह आगामी 17 मई को पुन: सपत्निक शामिल होंगे। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि माँ नर्मदा ने हमें सब कुछ दिया है। अब हमें नर्मदा सेवा यात्रा के माध्यम से नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने का अवसर मातृ ऋण चुकाने के रूप में मिला है।