सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मुद्दे का समाधान कोर्ट के बाहर आपसी सहमति से करने की सलाह दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के इस मशवरे को निर्मोही अखाड़े के बाद अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी मान लिया है।
बोर्ड के मौलाना खालिद रशीद ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि पर्सनल लॉ बोर्ड सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम मंदिर मुद्दे को लेकर दिए निर्देशों के तहत इस मसले का कोर्ट के बाहर समझौता करने के लिए तैयार हैं।
हालांकि मामले में एक और मुस्लिम पक्ष बाबरी एक्शन कमेटी के समन्वयक जफरयाब जिलानी ने अदालत की टिप्पणी के बाद कहा था कि हम अदालत के बाहर किसी समाधान के पक्ष में नहीं हैं। मामले का बातचीत के जरिए समाधान संभव नहीं है। इसका निपटारा अदालत में ही होना चाहिए। हमें इस मामले में तभी भरोसा होगा जब चीफ जस्टिस इस मामले में मध्यस्थता करें।
निर्देशों के बाद से ही देशभर में इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और ज्यादातर लोगों ने अदालत के इस कदम का स्वागत किया है।