Since: 23-09-2009
सरकार द्वारा शराब बेचने के खिलाफ पेश जनहित याचिका पर शासन की ओर से जवाब पेश किया गया। इसमें बताया गया कि संविधान में सरकार को शराब बिक्री का अधिकार मिला है। प्रदेश में अवैध शराब को रोकने के लिए निगम बनाने का निर्णय लिया गया है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रतिउत्तर पेश करने याचिकाकर्ता को दो दिन का समय दिया है।
राज्य शासन ने वर्ष 2017-2018 में शराब दुकान ठेके में देने के बजाय स्वयं चलाने का निर्णय लिया है। इसके खिलाफ रायपुर की सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि सरकार का काम मादक पदार्थ पर नियंत्रण करना है न कि इसको बढ़ावा देना। प्रदेश सरकार की इस नीति को गलत बताते हुए प्रदेश में शराबबंदी की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने मामले में शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
मंगलवार को जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर के कोर्ट में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से जवाब पेश किया गया। शासन ने कहा है कि संविधान में सरकार को शराब बेचने का अधिकार मिला है। प्रदेश में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए सरकार निगम बनाकर शराब बेचेगी। याचिकाकर्ता की ओर से प्रतिउत्तर प्रस्तुत करने समय मांगा गया। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दो दिन का समय दिया है। मामले में 24 मार्च को सुनवाई होगी।
MadhyaBharat
22 March 2017
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|