पद्मश्री तीजन बाई को उस समय बहुत मानसिक पीड़ा हुई, जब एक ट्रैफिक सिपाही उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया। फोन पर पूरा परिचय देने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि आप जो कोई भी हो, मैं आपको नहीं जानता... गाड़ी का चालान कट चुका है, उसे थाने से छुड़वा लेना। पुलिस के मुंह से यह बात सुनने के बाद तीजन बाई ने काफी शर्मिंदगी महसूस की और कहा कि जब एक पुलिस वाला भी मुझे नहीं पहचानता तो क्या मतलब ऐसे पद्मश्री का... मन कर रहा है कि पद्मश्री को अभी लौटा दूं।
दरअसल ग्राम गनियारी में छत्तीसगढ़ की मशहूर पंडवानी गायिका पद्मश्री तीजन बाई के घर का निर्माण चल रहा है। मंगलवार को वार्निश खत्म हो जाने के कारण उनका पीए खेमलाल नेताम बाइक से वार्निश लेने के लिए भिलाई आ रहा था। सिरसा गेट चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने पीए खेमलाल को बिना हेलमेट के वाहन चलाते हुए पक़ डा और दस्तावेज आदि की भी जांच की। गाडी के दस्तावेज न होने पर पुलिस ने 800 रुपए का चालान बनाया।
इसी दौरान खेमलाल ने तीजन से पुलिस की बात कराई तो पुलिस ने भी तीजन को पहचानने से इंकार कर दिया। लगातार बोलने के बाद भी पुलिस ने गाड़ी नहीं छोड़ी तो अंत में खेमलाल ने 300 रुपए का चालान पटाया और वापस घर गया। घटना के बाद तीजन बाई इतनी ज्यादा आहत थी कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि उन्हें एक पुलिस वाला नहीं जानता तो क्या मतलब ऐसे पद्मश्री सम्मान का। इससे बेहतर है कि सम्मान को वापस लौटा दूं।
इस मामले में ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने कहा कि हम पद्मश्री तीजन बाई का सम्मान करते हैं। उनके पीए खेमलाल नेताम के पास हेलमेट और गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं था। चालान कटने के बाद खेमलाल ने पुलिस की बात कराई थी। पुलिस ने अपनी कार्रवाई की, लेकिन तीजन बाई को पुलिस के कारण जो भी मानसिक पीड़ा हुई। उस पर हमें खेद है।