लोकसभा में जीएसटी को पेश किए जाने के बाद सदन में बहस हो रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि यह एक क्रंतिकारी बिल है वहीं कांग्रेस के विरप्पा मोइली ने कहा कि यह कि यह बिल कोई गेम चेंजर नहीं बल्कि बेबी स्टेप है।
बहस की शुरुआत करते हुए जेटली बोले कि अधिकारों का दुरुपयोग ना हो यह ध्यान रखना होगा। जीएसटी काउंसिल की 12 बैठकों में सबकि सहमति और सलाह के बाद इसे प्रोसेस किया गया है। यह एक क्रांतिकारी बिल है जो सबका फायदा करेगा।
वहीं कांग्रेस सांसद विरप्पा मोइली ने कहा कि यह कोई गेम चेंजर बिल नहीं है बल्कि एक बेबी स्टेप है।
बहस के दौरान अपने सभी सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भाजपा ने तीन लाइन का व्हीप जारी किया था।
इस पर चर्चा से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई है कि सदन में यह पास हो जाएगा वहीं खबर है कि कांग्रेस इसमें संशोधन प्रस्ताव ला सकती है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे लेकर कहा कि हम वैसे तो बिल के समर्थन में है लेकिन हमें इसमें कुछ बदलाव के लिए हमारे संशोधन प्रस्ताव रखेंगे। सरकार ने इस बिल में टैक्स की सर्वाधिक दर 40 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव रखा है।
जीएसटी के लागू होने पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर तथा वैट सहित केंद्र और राज्यों के कई परोक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। जीएसटी की चार स्लैब, पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत होगी। हालांकि जीएसटी की अधिकतम दर 40 प्रतिशत होगी। इसके अतिरिक्त तंबाकू उत्पादों और लग्जरी वस्तुओं पर सेस अलग से लगेगा।
सीजीएसटी विधेयक में 21 अध्याय, 174 धाराएं और तीन अनुसूची हैं। जीएसटी लागू होने पर यूपी और बिहार जैसे सामान्य श्रेणी के राज्यों में 20 लाख रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को ही जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना होगा। वहीं उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे विशेष श्रेणी वाले राज्यों में 10 लाख रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी के लिए पंजीकरण लेने की जरूरत होगी।
सीजीएसटी में कई कड़े प्रावधान भी किए गए हैं। मसलन, सीजीएसटी की धारा 69 के तहत जीएसटी की चोरी करने वाले कारोबारी की गिरफ्तारी हो सकती है जबकि धारा 79 के तहत सरकार बकाया कर न चुकाने वाले कारोबारी का सामान और चल-अचल संपत्ति को बेचकर टैक्स की राशि वसूल सकती है।
जीएसटी की चोरी करने पर दोषी व्यक्ति को पांच साल तक का कारावास भी हो सकता है। धारा 171 में मुनाफाखोरी निषेद्य करने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के तहत अगर कोई कारोबारी वस्तु और सेवा पर कर टैक्स में कटौती का लाभ उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा जो यह देखेगा कि टैक्स की दर में कमी के अनुरूप कीमतें कम हुई या नहीं। साथ ही ई-कॉमर्स कपंनियां भी जीएसटी के दायरे में आएंगी।
छोटे कारोबारियों के हित में कदम उठाते हुए सरकार ने सीजीएसटी विधेयक की धारा 10 में कंपोजीशन स्कीम का प्रावधान किया है जिसके तहत सालाना 50 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाली मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को मात्र एक प्रतिशत जीएसटी देना चाहिए जबकि 50 लाख रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले रेस्टोरेंट के संबंध में यह दर 2.5 प्रतिशत होगी।