संस्कृत भाषा को रोजगार से जोड़ने के लिये किये जायेंगे ठोस प्रयास
संस्कृत भाषा

स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में संस्कृत भाषा को रोजगार की भाषा बनाने के ठोस प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि महिलाएँ भी संस्कृत भाषा में कुशल हो इसके लिये भोपाल में शासकीय संस्कृत विद्यालय स्थापित किया जायेगा। इसकी क्षमता 360 सीट की होगी। कुंवर विजय शाह आज राज्य स्तरीय संस्कृत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी मौजूद थे।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि शासकीय संस्कृत विद्यालय श्रेष्ठ तरीके से कार्य करे, इसके लिये विद्यार्थियों और शिक्षकों को देश के श्रेष्ठ संस्कृत संस्थानों में सरकारी खर्चे पर अध्ययन के लिए भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ तरीके से संचालित होने वाले शासकीय संस्कृत विद्यालय को भवन निर्माण के लिये 50 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जायेगी। राशि प्रतिवर्ष दो विद्यालय को उपलब्ध करवाई जायेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से प्रति वर्ष 20 महिलाओं को शास्त्रों का ज्ञान देकर शासकीय खर्च पर महिला पंडित के रूप में तैयार किया जायेगा।

शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह ने कहा कि अब प्रति वर्ष शासकीय विद्यालयों में हिन्दू नव वर्ष गुड़ी पड़वा नववर्ष के रूप में मनाया जायेगा। विद्यार्थियों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्योतिष, वास्तु और योग के डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किये जायेंगे।

श्री कैलाश जोशी ने कहा कि भारत में रामायण के बगैर भारतीय संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती। इसके लिये जरूरी है कि बच्चों और युवाओं को संस्कृत की शिक्षा दी जाये। यदि देश में संस्कृत और हिन्दी की विदेशी भाषा के मुकाबले उपेक्षा हुई तो भारतीय संस्कृति को खतरे का सामना करना पड़ेगा। अखिल भारतीय महामंत्री संस्कृत भारती श्रीश देवपुजारी ने कहा कि संस्कृत देवभाषा है। अब वक्त की माँग है कि इसे रोजगारोन्मुखी बनाया जाये। सम्मेलन को डॉ. मिथला प्रसाद त्रिपाठी, काशी विश्वविद्यालय के प्रो. भगवत चरण शुक्ल ने भी संबोधित किया। आयुक्त लोक शिक्षण श्री नीरज दुबे ने बताया कि सम्मेलन में विशेषज्ञों के जो सुझाव आयेंगे, उनके अनुरूप संस्कृत के विकास के लिये नीति तैयार की जायेगी। पतंजलि संस्थान के निर्देशक श्री पी.आर. तिवारी ने बताया कि संस्थान के माध्यम से 143 संस्कृत विद्यालयों को मान्यता दी गई है। राज्य स्तरीय सम्मेलन में मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल टी.टी. नगर के छात्रों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये।