गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों को शह देने के लिए पत्थर फेंकने वाले युवकों को रणनीति के तहत पाकिस्तान से फेसबुक तथा व्हाट्सएप के माध्यम से भड़काया जा रहा है। कुछ युवक इस बहकावे में आ जाते हैं और मुठभेड़ में आतंकवादियों को निकालने के लिए सुरक्षा बलों पर पथराव करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से की जा रही घुसपैठ और वहां से चलाए जा रहे आतंकवाद के साथ ही हमारे युवाओं को भी अब गुमराह किया जा रहा है इसलिए हमारे युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए चलाई जा रही पाकिस्तान की साजिश में नहीं आना चाहिए।
सिंह ने सदन को भरोसा दिलाया कि आतंकवाद से सुरक्षा बल वैसे ही निपट रहे हैं जैसा उनसे निपटा जाना चाहिए। सेना और अद्र्धसैनिक बलों के जवान आतंकवादियों को करारा जवाब दे रहे हैं और आगे भी उनसे उसी तरह से निपटा जाएगा। हमें निश्चित रूप से इसमें सफलता मिलेगी। इससे पहले, इस विषय को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना और सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान पत्थर फेंकने वाले युवाआें को प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने कहा कि वे मुठभेड़ स्थल पर जमा न हां और पत्थर नहीं फेंके। यह आत्महत्या करने जैसा होगा। क्योंकि गोली यह नहीं देखती कि कौन आ रहा है। उन्होंने कहा कि हाल में राज्य में एक मुठभेड़ स्थल पर पत्थर फेंकने के दौरान 60 से अधिक सुरक्षा कर्मी घायल हो गए और पुलिस की गोली से 3 नागरिक मारे गए। गृह मंत्री को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए।