मध्यप्रदेश के नगर सबसे सुंदर और व्यवस्थित बने
ई-नगरपालिका

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों का आव्हान किया है कि वे नगरों को सबसे सुंदर और व्यवस्थित बनायें। ई-सेवाओं के द्वारा ऐसी व्यवस्था करें कि प्रदेश का हर नागरिक गर्व से कहे कि उसे नगरीय निकायों की सेवाएँ आसानी से और समय पर मिल रही हैं। श्री चौहान ने भोपाल में मुख्यमंत्री निवास में ई-नगरपालिका शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता के कल्याण और विकास के लिये नगरीय निकाय संकल्पित हों। आगामी तीन-चार वर्षों में नगरीय निकायों में 83 हजार करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे। मुख्यमंत्री अधोसंरचना के द्वितीय चरण में 1800 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है। नगरीय निकायों के पास राशि की कमी नहीं है। मुख्यमंत्री पेयजल योजना में सभी निकायों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था हो गई है। अप्रैल अंत तक सभी शहर खुले में शौच मुक्त हो जायेंगे। कचरा प्रबंधन के लिए 26 क्लस्टर बनाकर कचरे से विद्युत उत्पादन की व्यवस्था की गई है। जबलपुर में कचरे से 8 मेगावॉट विद्युत का उत्पादन भी होने लगा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब व्यक्ति को 5 रूपये किलो में सुस्वादु भरपेट भोजन दीनदयाल थाली में उपलब्ध होगा। शहरी गरीब को 8 लाख रूपये मूल्य के सुव्यवस्थित आवास मात्र दो लाख रूपये में उपलब्ध करवाये जायेंगे। यह राशि भी किश्तों में ली जायेगी। पूर्व योजनाओं में निर्मित पुराने मकानों की भी 5 प्रतिशत सब्सिडी के साथ मरम्मत की व्यवस्था की गई है। सायकल रिक्शा को ई-रिक्शा में बदला जा रहा है। भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल की योजनाओं में पंजीकृत मजदूरों को कन्या विवाह, शिक्षा आदि विभिन्न अवसरों पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। मेधावी बच्चों की उच्च शिक्षा की फीस सरकार द्वारा देने की योजना भी लागू की गई है।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि प्रदेश के नगरीय निकायों ने जुनूनी माहौल में स्वच्छता अभियान चलाया है। नगरोदय अभियान में विभिन्न योजनाओं का हितलाभ एक साथ 12 लाख लोगों को दिया गया है। अनेक शहरों ने सौंदर्यीकरण और शहरों को व्यवस्थित बनाने के उत्कृष्ट कार्य किये हैं। समस्याओं के समाधान में नगरीय प्रशासन विभाग प्रदेश में अव्वल है। उन्होंने विभाग को बधाई देते हुए कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले महापौर, अध्यक्ष, आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को प्रति वर्ष मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा जन-आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश नदी संरक्षण का नया इतिहास रचेगा। यह आंदोलन प्रदेश के सभी नगरों में चलाया जायेगा। प्रदेश के 40 प्रतिशत नगरीय निकायों में सीवेज सिस्टम शुरू कर दिया गया है। इसे आगे अन्य सभी शहरों में लागू किया जायेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों की सेवाएँ आम नागरिकों को बिना दिक्कत के मिले, इसके लिये निरंतर मॉनीटरिंग और बेहतरी के प्रयास जारी रहें। उन्‍होंने इस नवीन व्यवस्था को सरलीकृत करने और बेहतर बनाने के सुझाव देने के लिये कहा। उन्होंने सभी का आव्हान किया कि ई-प्रणाली को उनके दैनिक क्रियाकलापों में भी आत्म-सात करें। उन्होंने पोर्टल निर्माण के लिये विभागीय अधिकारियों और सहयोगी संस्था को बधाई दी।

प्रमुख सचिव नगरीय विकास  मलय श्रीवास्तव ने कहा कि नवीन व्यवस्था से कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ेगा। नागरिकों को ऑनलाइन भुगतान की सुविधा से कर संग्रहण भी बेहतर होगा। नगरीय विकास आयुक्त श्री विवेक अग्रवाल ने परियोजना की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नगरीय निकायों की नागरिक सेवाएँ मोबाइल पर सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध हो जायेगी। इसके साथ ही मध्यप्रदेश दुनिया का अकेला क्षेत्र हो गया है, जहाँ पर नगरीय निकायों की इतनी बड़ी संख्या पारदर्शी ढंग से मोबाइल पर नागरिकों को अपनी सेवाएँ प्रदाय करेंगी।

ग्लोबल यूएसएसटी कंपनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री साजन पिल्लई ने बताया कि वे कंपनी का उत्तरी भारत का मुख्यालय भोपाल में स्थापित करेंगे। इससे प्रदेश के 5 हजार युवाओं को हाई-टेक नौकरियाँ मिलेंगी। साथ ही युवाओं को वैश्विक नवाचारों में सहभागिता के नये अवसर मिलेंगे।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले महापौर, अध्यक्ष, आयुक्त, मुख्य नगरपालिका अधिकारी और नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को सम्मानित किया। ग्लोबल यूएसएसटी की ओर से अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किये गये।