कोंग्रेस ने कहा है कि अब मध्यप्रदेश सरकार चुनाव आयोग की भी धोखा दे रही है। भिंड कलेक्टर बनाये गए वी.किरण गोपाल पर लकड़ी की अवैध कटाई का गंभीर प्रामाणिक आरोप है...!
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने कहा है कि रविवार को भारत सरकार के निर्वाचन आयोग ने अटेर विधानसभा उपचुनाव के दौरान निष्पक्ष चुनाव कराये जाने के लिए वहां के कलेक्टर-एसपी को हटाकर राज्य सरकार द्वारा आयोग को भेजी गई तीन -तीन नामों के पैनल के बाद कलेक्टर के रूप में जिन वी.किरण गोपाल की बतौर कलेक्टर तैनाती की गई है, उनके खिलाफ कुछ माहों पूर्व जब वे बालाघाट कलेक्टर थे,तब इस दौरान उन पर क्षेत्र से करोड़ों रु.की अवैध लकड़ी कटाई कर आंध्र प्रदेश में बन रहे अपने निर्माणाधीन भव्य बंगले के उपयोग हेतु भेजे जाने का प्रामाणिक आरोप शासकीय जाँच में सही साबित हुआ था।इसके बाद काफी बवाल के बाद आयोग को उनके नाम की पैनल भेजने वाली राज्य सरकार ने ही उन्हें बालाघाट से हटाया था।
उल्लेखनीय है यह गंभीर मामला भी वहां के तत्कालीन बहुत ही सख्त और वास्तव में ईमानदार एस पी रहे श्री गौरव तिवारी ने ही पकड़ा था,जिन्हें हमारी कथित ईमानदार राज्य सरकार ने 2200 करोड़ रु.का हवाला घोटाला उजागर करने के कारण हटाया है,द्वारा कराई गई जाँच के बाद कई लोगों के खिलाफ एफ आईआर भी दर्ज कराई थी,जिसमें किरण गोपाल को राज्य सरकार ने बचा लिया था। अब सरकार के इस अहसान को वे अटेर में चुकाएंगे या आयोग के प्रति अपनी संवैधानिक निष्ठा की पूर्ति करेंगे, देखना होगा ? कुल मिलाकर राज्य सरकार ने आयोग को उनके नाम की सिफारिश कर एक और बड़ा धोखा देकर चुनाव की निष्पक्षता को संदेहास्पद का दिया है !