मुख्यमंत्री चौहान रायसेन के ग्राम बोरास के जन-संवाद में
रायसेन जिले में नर्मदा तट पर स्थित बोरास घाट पर \'नमामि देवि नर्मदे\'\'-सेवा यात्रा के जन-संवाद में आनंद मार्ग के संत स्वामी विमलानंद महाराज, सुप्रसिद्ध क्रिकेट कमेंटेटर श्री सुशील दोषी और जाने-माने गजल गायक श्री तलत अजीज ने नर्मदा नदी के संरक्षण के अभियान को अभिनंदनीय और महत्वपूर्ण बताया। अपने-अपने क्षेत्र की इन सुप्रसिद्ध हस्तियों ने नर्मदा संरक्षण अभियान के संचालन के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले ने यात्रा को जनता में आशा और विश्वास का माहौल पैदा करने वाली बताया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी के तटों पर एक समय ऐसी उपयोगी घास की प्रजातियाँ हुआ करती थीं, जो पशु चारे के लिए उपयोग में लाई जाती थी। यह हमारे प्रदेश की जैव-विविधता का एक विशिष्ट उदाहरण भी था। इस विशिष्टता को पुनः हासिल करने के लिए राज्य सरकार आवश्यक कदम उठाएगी। श्री चौहान ने बताया कि आगे आने वाले समय में क्षिप्रा, ताप्ती और बेतवा के संरक्षण के लिए भी ऐसे अभियान चलाये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा को बहु-उद्देशीय और बहु-उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक संदेशों के साथ शुरू हुई यह यात्रा पूर्ण होने की अवधि तक अपनी उपयोगिता बड़े वर्ग तक पहुँचायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आम जनता का आव्हान किया कि आगामी दो जुलाई को अमरकंटक से बड़वानी तक नर्मदा नदी के तट से एक-एक किलोमीटर दूर तक चलने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम में अपनी सहभागिता सुनिश्चत करें। इससे आगे आने वाले वर्षों में भी नर्मदा को वन पोषित जल मिलना सुनिश्चित होगा। श्री चौहान ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी से सिंचाई का 30 प्रतिशत काम संभव हुआ है। मध्यप्रदेश गेहूँ उत्पादन में पंजाब और हरियाणा से आगे बढ़ चुका है।
श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा ग्लेशियरों से निकल कर नहीं बहती बल्कि इसके किनारे लगे घने वृक्षों द्वारा वर्षा ऋतु में ग्रहण किये गये जल से अविकल बहती है। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी को साफ और सदा नीरा बनाये रखना जरूरी हो गया है। इसी पर प्रदेश के लोगों का जीवन निर्भर है। करीब पचपन नगरों की पेयजल की आपूर्ति करने वाली माँ नर्मदा को बचाये रखने के लिये ठोस और गंभीर प्रयास करना जरूरी है। सरकार यह काम अकेले नहीं कर सकती। समाज के सभी लोगों को आगे बढ़कर साथ देना होगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के बाद सभी के सहयोग से नर्मदा सेवा मिशन चलता रहेगा। इसके लिए नर्मदा तटों के किनारे आबादी वाले क्षेत्रों में नर्मदा सेवा समितियाँ बनायी गयी हैं। इन समितियों में सरकार सहयोगी की भूमिका में होगी। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में जन सहयोग से नर्मदा संरक्षण अभियान बन गया।
नर्मदा सेवा माँ की सेवा समान - श्री होसबोले
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर कार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा ने नदी संरक्षण के लिए जनता में आशा और विश्वास का माहौल पैदा किया है। नर्मदा भौतिक जीवन के लिए आधार और आध्यात्मिक जीवन के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। नर्मदा की सेवा मॉ की सेवा के समान है।
नदी संरक्षण का यह अभियान विश्व के लिये अनुकरणीय-स्वामी विमलानंद
आनंद मार्ग के संत स्वामी विमला नंद महाराज ने कहा कि विश्व में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहाँ नदी को माँ का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने कहा कि बच्चों की पाठ्य-पुस्तकों में नर्मदा सेवा यात्रा का उल्लेख होना चाहिए ताकि आगे आने वाली पीढ़ियों को नदी संरक्षण का महत्व समझ में आए। आजाद भारत में पहली बार नदी संरक्षण का प्रयास मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जा रहा है। वह पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है।
नर्मदा यात्रा से दाण्डी यात्रा का स्मरण-श्री सुशील दोषी
सुप्रसिद्ध क्रिकेट कमेंटेटर श्री सुशील दोषी ने कहा कि नर्मदा यात्रा से उन्हें गांधी जी की दांडी यात्रा का स्मरण हो रहा है जो व्यापक उद्देश्यों को लेकर निकाली गई थी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नर्मदा मैया के संरक्षण के लिए आम जनता के साथ पशु-पक्षियों के हित में यह महत्वपूर्ण अभियान संचालित किया है। नर्मदा नदी सभी को पानी देने के साथ ही समृद्धि का आशीर्वाद भी देती है। यह सिर्फ एक नदी के संरक्षण का अभियान न होकर संपूर्ण प्रकृति के संरक्षण का अभियान है।
नर्मदा सेवा यात्रा में हाथ मिला के चलो-श्री तलत अजीज
जाने-माने ग़जल गायक श्री तलत अज़ीज ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा निकालने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान विशेष बधाई के पात्र हैं। यह कदम दूरदर्शी होने का प्रमाण है। श्री तलत अजीज ने बताया कि उन्होंने नर्मदा मैया पर एक रचना भी तैयार की है। श्री अजीज ने गज़ल गायन के अंदाज में गीत- “कदम मिलाके चलो, अब कदम मिलाके चलो, नर्मदा सेवा यात्रा में हाथ मिला के चलो, ये देश ऋषियों-संतो का है, ये देश गाती झूमती नदियों का है, कदम मिला के चलो…” सस्वर गाकर भी सुनाया।