नियम विरुद्ध अहाता चलाएगी सरकार
आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल

शराब दुकान खुलने के बाद सरकार अब शराबियों को पीने की सुविधा देने जा रही है। शराब दुकानों के पीछे या बगल में ही अहाता खोले जाएंगे, जिसे प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारी संभालेंगे। सरकारी अहाते में केवल पानी मिलेगा। खाने के लिए कुछ भी नहीं। अहाता शुरू कराने का निर्देश सरकार ने सभी जिले के कलेक्टरों को जारी कर दिया है।

सरकारी अहाता में कुर्सी-टेबल और पानी की नि:शुल्क सुविधा मिलेगी। पाउच और बोतल बंद पानी भी उपलब्ध रहेगा, लेकिन इसका पैसा लिया जाएगा। जहां मुमकिन हो, वहां पंखा लगाने का भी आदेश है। अहाता सुविधा नि:शुल्क है, इसलिए सरकार खर्च नहीं बढ़ाना चाहती है।

हर शराब दुकान में पांच से सात कर्मचारी रखे गए हैं। मल्टीपरपज और सेल्समैन की संख्या अधिक है। इन्हें ही अहाता की व्यवस्था में लगाया जाएगा। अहाता की व्यवस्था करने में कलेक्टरों को दिक्कत हो रही है।

इसका कारण यह है कि सरकार ने पहले कलेक्टरों को शराब दुकानों के लिए भवन का निर्माण और किराए पर व्यवस्था करने का आदेश दिया था। कलेक्टरों ने दुकान के हिसाब से ही भवनों की व्यवस्था की। कई दुकानों के पीछे या बगल में अहाता के लिए जगह नहीं है। इसलिए अभी अहाता वहीं खुल पाएंगे, जहां जगह है।

जारी आदेश के अनुसार शराब दुकान और अहाता से कम से कम 50 मीटर दूरी पर चखना वाले ठेले खड़े हो सकेंगे। इससे कम दूरी होने पर उन पर कार्रवाई होगी। चखना बेचने के लिए फूड एंड ड्रग विभाग से लाइसेंस लेना होगा।

सरकारी अहाता में चखना जैसे मिक्सचर, अंडा, सलाद या कोई दूसरी चीज नहीं मिलेगी। बाहर दुकान या ठेले से खरीदकर चखना अहाता में लाया जा सकेगा। इस पर रोक लगाने का आदेश नहीं हुआ है।

आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल का कहना है अहाता चलाने के पीछे सरकार का मकसद खुले में शराब पीने को बंद कराना है। लोग शराब खरीदने के बाद आसपास खड़े ठेलों से चखना लेकर वहीं पीना शुरू कर देते हैं। यह देखने को मिलता रहा है।