इसी तरह गत सोमवार को जनसंवाद कार्यक्रम में आए गजल गायक श्री तलत अज़ीज ने रायसेन जिले के बौरास में नर्मदा तट के मनोरम दृश्य को अद्भुत बताया। उन्होंने नर्मदा यात्रा की अहमियत पर रचना भी तैयार की। नर्मदा यात्रा के बहाने कई व्यक्ति पहली बार उन घाटों पर भी पहुँचे, जिनके बारे में अब तक सिर्फ पढ़ा और सुना ही था।
उल्लेखनीय है कि कई प्रमुख संतों ने भी मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अगुवाई में अपने परिवेश के लिए लोगों को सजग बनाने की इस यात्रा को अनुष्ठान का दर्जा दिया है।
नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान सीहोर, रायसेन और नरसिंहपुर जिले के अनेक लोगों से यात्रा के बारे में उनके अनुभव जानने का कार्य बहुत रूचिकर रहा। जहाँ किसान वर्ग नर्मदा मैया के संरक्षण को खेतों की सिंचाई की दृष्टि से अति उपयोगी मानता है, वहीं बाल्यावस्था और किशोरावस्था के लोगों के लिए नर्मदा जी डुबकी लगाकर खूब नहाने और आनंद लेने का माध्यम है। वैसे तो सभी लोग नर्मदा मैया के प्रति बहुत सम्मान का भाव रखते हैं लेकिन नर्मदा तट के ग्रामों की आम गृहिणियाँ धार्मिक आस्थाओं के कारण नर्मदा मैया को अधिक श्रद्धेय मानती हैं। सीहोर जिले के डॉ. जे.एस. चौहान, जिनका बचपन नर्मदा मैया की गोद में बीता, भोपाल में रहते हुए भी नर्मदा नहाने का कोई अवसर नहीं चूकते। नर्मदा यात्रा को वे अनूठी पहल मानते हैं। रायसेन के श्री वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि यह रायसेन जिले का सौभाग्य था, जो नर्मदा यात्रा जिले में नवरात्रि के नौ दिनों में बनी रही। उदयपुरा विकासखण्ड की राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की अनेक सदस्यों ने कलश यात्रा में हिस्सा लिया। इन महिलाओं ने नर्मदा यात्रा के यात्रियों का स्वागत किया। नरसिंहपुर के श्री विवेक जैन, श्री मनोज विश्वकर्मा और श्री राजेश दुबे ने बताया कि जिले के लोगों में यात्रा के प्रति स्वाभाविक उत्साह है। हर नागरिक चाहता है कि हमारी नदियाँ साफ रहें, सभी नगर और गाँव स्वच्छता अभियान का लाभ लें, हर कस्बे और गाँव में हरियाली बढ़े। साथ ही पेयजल और सिंचाई के लिए सभी जल-स्त्रोतों को उपयोगी बनाया जाए।