सभी उपासना पद्धति तक पहुँचे तीर्थ-दर्शन यात्राएँ
योजना में 32 हजार तीर्थ-यात्रियों ने की यात्रामुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में वित्तीय वर्ष के अंत तक यात्राओं का नियोजन इस तरह से किया जाये कि सभी उपासना पद्धतियों के तीर्थ की यात्राएँ सम्पन्न हो जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल में तीर्थ-दर्शन योजना की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि योजना के तहत 32 हजार 340 तीर्थ-यात्रियों को जनवरी माह तक तीर्थ-दर्शन करवाया गया है। इस अवसर पर धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम भी मौजूद थे।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीर्थ-दर्शन की तिथियों का निर्धारण बुजुर्गों की सुविधाओं और आवश्यकताओं के अनुसार किया जाये। बुजुर्गों को दर्शन में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के लिये तीर्थ-दर्शन ट्रेनों का कार्यक्रम पूरे वर्ष के लिये अग्रिम रूप से तैयार किया जाये। श्री चौहान ने योजना के प्रभावी संचालन के लिये विभाग के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले रेलवे के अधिकारियों को प्रशंसा-पत्र भी भेजेंगें।संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि योजना में लक्ष्य से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ-यात्रा करवायी जायेगी। योजना के लक्ष्य 60 हजार की तुलना में 80 हजार यात्री विभिन्न तीर्थ-स्थान की यात्रा करेंगे। उन्होंने बताया कि करीब 11 हजार तीर्थ-यात्री की यात्रा की व्यवस्था की जा चुकी है। कुल 44 ट्रेन के संचालन का कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों की माँग अनुसार अभी तक 33 ट्रेनें विभिन्न तीर्थ-स्थान के लिये भेजी गयीं है। इनमें से रामेश्वरम् के लिये 8, जगन्नाथपुरी के लिये 7, द्वारका के लिये 3, वैष्णोदेवी के लिये 5, तिरूपति के लिये 4, शिर्डी के लिये 3, काशी के लिये 1 और अजमेर शरीफ के लिये भेजी गयीं 2 ट्रेनें शामिल हैं।बैठक में प्रमुख सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व श्री प्रभांशु कमल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री एस.के. मिश्रा एवं श्री विवेक अग्रवाल, वित्त सचिव श्री मनीष रस्तोगी और उप सचिव श्री राजेश मिश्रा उपस्थित थे।