राजनीति और धर्म को मिलाने के लिए भाजपा पर नए सिरे से हमला करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी पर राज्य में सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास करने का आरोप लगाया और लोगों से अलर्ट रहने को कहा। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे का प्रयास कर रही है। वे इस बात का फैसला करने वाले कौन होते हैं कि कोई व्यक्ति क्या खाएगा और क्या पहनेगा। हर धर्म के अपने रीति-रिवाज हैं और सबको अपनी मान्यता के अनुसार अपना धार्मिक अनुष्ठान करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि मैं धर्म के नाम पर विभाजन पैदा करने में विश्वास नहीं करती। मेरा जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ, इसका मतलब यह नहीं कि मैं सिखों, मुस्लिमों या ईसाइयों के धार्मिक कार्यों में हिस्सा नहीं लूंगी। मैं इन कार्यक्रमों में 100 बार हिस्सा लूंगी। अगर आपमें ताकत है तो मुझे रोकें। आरएसएस-भाजपा समर्थित रामनवमी जुलूस का उल्लेख करते हुए बनर्जी ने कहा कि अगर आप बिना अनुमति के हथियार रखते हैं तो कानून इसकी अनुमति नहीं देगा। मैं इस तरह के कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दूंगी।
उन्होंने कहा कि हम विभाजन की राजनीति में शामिल नहीं होते और हम बंगाल में सांप्रदायिक दंगेे बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का बचाव किया। उन्होंने खडग़पुर में रामनवमी पर एक कार्यक्रम में तलवार लहरायी थी। उन्होंने कहा कि बगैर अनुमति के कोई भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकता।