सामाजिक सरोकारों से जुड़कर यात्रा हुई अधिक प्रासंगिक
नर्मदा के दर्शन

 पवित्र सलिला गंगा में एक दिन और यमुना में तीन दिन नहाने के बराबर पुण्य माँ नर्मदा के दर्शन मात्र से मिलता है। इस तरह की मान्यता नर्मदा तट में बसे ग्रामीणों और \'नमामि देवि नर्मदे\' -सेवा यात्रियों की है।

यात्रा में शामिल सिवनी जिले कोमा गांव के श्री समनालाल साहू और श्री कुंजबिहारी साहू तथा खंडवा जिले के ग्राम शेरदा केसरी चंपालाल कहते हैं कि यह यात्रा आने वाली पीढ़ी में माँ नर्मदे के संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करेगी। श्री साहू 11 दिसंबर से लगातार यात्रा में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी के मन में यह भाव पैदा करना जरूरी है कि माँ नर्मदा में यदि लहरें नहीं उठेंगी तो जीवन में खुशी की तरंगें आना नामुमकिन है। यात्रियों का मानना है कि मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा संरक्षण के साथ ही नशामुक्ति, स्वच्छता और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे सामाजिक सरोकारों को जोड़कर यात्रा को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है।

सेवा यात्रा में शामिल किसी भी नर्मदा भक्त के चेहरे पर शिकन तक नजर नहीं आयी। उस चमक के बारे में जब उनसे पूछा जाता है तो कहते हैं कि सिर्फ हममें नहीं बल्कि जीवनदायिनी नर्मदा के तट में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ ही खेत-खलिहानों को देखकर आप माँ नर्मदा की कृपा का अनुमान लगा सकते हैं। स्वार्थवश जो गलतियाँ हम लोगों ने की हैं, उन्हें अब सुधारने का समय आ गया है। उनका कहना है कि सरकार ने समय रहते इस बात को समझा और यात्रा के माध्यम से हमको समझाने का प्रयास भी कर रही है। यात्रियों का स्पष्ट मानना है कि पवित्र उद्देश्य से शुरू की गयी यह यात्रा अपने उद्देश्य को जरूर पूरा करेगी।

\'नमामि देवी नर्मदे\'\'- सेवा यात्रा नरसिंहपुर जिले के ग्राम हीरापुर से रवाना होकर जबलपुर जिले के मेरे गाँव में प्रवेश हुई। यात्रा का आज 114 वाँ दिन है। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री शरद जैन, विधायक श्रीमती प्रतिभा सिंह सहित अन्य जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने यात्रा का भावपूर्ण स्वागत किया।