900 करोड़ लागत के मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम को मंजूरी
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज संपन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग पर 1 मई से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के पालन में पूरे प्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए मध्यप्रदेश जैव अनाश्य अपषिष्ट (नियंत्रण) संशोधन अध्यादेश 2017 को अनुमोदन प्रदान किया। मुख्यमंत्री यंग प्रोफेशनल फॉर डेव्लपमेंट कार्यक्रम को भी अनुमोदन प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य के विकास में युवाओं की ऊर्जा, क्षमता और विजन का उपयोग करना तथा युवाओं को सरकारी कामकाज की करीबी समझ विकसित करने के लिए अवसर प्रदान करना है। कार्यक्रम अंतर्गत 51 मुख्यमंत्री रिसर्च एसोसियेट एवं 6 कार्यक्रम समन्वयक चयनित किये जायेंगे।
मंत्रि-परिषद ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के नाम से एक नई योजना प्रारंभ करने की स्वीकृति दी। योजना की लागत 900 करोड़ रुपए है। इसके अंतर्गत वर्ष 2017-18 में प्रदेश की 10 हजार ग्रामीण बसाहटों में हैंड पंप से पेयजल उपलब्ध कराये जाने तथा 5000 ग्रामीण बसाहटों में नल-जल योजनाओं के कार्य किये जायेंगे। ग्रामीण नल-जल योजनाओं का स्त्रोत संरक्षण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैंडपंपों तथा समूह पेयजल योजनाओं का संधारण भी इस योजना में किया जायेगा।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के 49 जिला मुख्यालयों के नगरीय क्षेत्रों में दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना का प्रथम चरण आरंभ करने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिगत गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में एमबीबीएस सीट्स को 150 से बढ़ाकर 250 करने तथा निर्माण, उपकरण, फर्नीचर एवं वाहन के लिए 119.68 करोड़ रुपये तथा कुल 555 पदों के सृजन और पूर्ति की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में विदिशा, शहडोल, रतलाम, खंडवा, छिंदवाड़ा और शिवपुरी में नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए उपकरण, फर्नीचर, वाहन और पुस्तक क्रय के लिए क्रमश: 70.98 करोड़, 69 करोड़, 70.98, 69 करोड़, 68.99 करोड़ तथा 69.01 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। मंत्रि-परिषद ने इन महाविद्यालयों के लिए पदों के निर्माण और आउट सोर्सिंग से सेवाएँ लेने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी।
मंत्रि-परिषद की बैठक में एम वाय अस्पताल इंदौर में बोन मेरो ट्रांसप्लांट सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रि-परिषद ने शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति जारी करने की प्रक्रिया में संशोधनों को अनुमोदन प्रदान किया। अन्वेषण अभिकरण/व्यक्तिगत परिवादी द्वारा अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण /आवेदन अभिलेख सहित सीधे प्रशासकीय विभाग को भेजते हुए उसकी एक प्रति विधि एवं विधायी कार्य विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग को पृष्ठांकित करेगा। प्रशासकीय विभाग प्रकरण का परीक्षण कर यदि यह पाता है कि प्रकरण अभियोजन की स्वीकृति के योग्य है, तो वह प्रकरण की प्राप्ति से 45 दिन की अवधि के भीतर अभियोजन की स्वीकृति जारी कर, उसे अन्वेषण अभिकरण/व्यक्तिगत परिवादी को प्रेषित करेगा तथा स्वीकृति आदेश की एक प्रति विधि और विधायी कार्य विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग को भी अग्रेषित करेगा।
मंत्रि-परिषद ने भोपाल नगर निगम में स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत चयनित क्षेत्र आधारित विकास घटक के लिए नार्थ तथा साउथ टीटी नगर स्थित 342 एकड़ भूमि को नगरीय विकास एवं आवास विभाग एवं तदुपरांत भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को स्थानांतरित किये जाने की स्वीकृति दी।
मंत्रि-परिषद ने एमपी मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट के अंतर्गत दमोह जिले के अभाना-तेंदूखेड़ा मार्ग, श्योपुर के गांधी तिराहा -इकलोड जंक्शन मार्ग, अशोक नगर जिले के हापाखेड़ी पनवाड़ीघाट मार्ग , सीहोर जिले के अहमदपुर- भोजपुर मार्ग तथा इटारसी छीपानेर मार्ग, रायसेन जिले के भोपाल सागर से देपालपुर सुनहरा पीतमपुर, बड़गांव मरखेड़ी उइका मरखेड़ा गुलाब-सुलतानगंज सागर मार्ग तथा एसएच -15 के गुढरई खमरिया-बरेली पड़रियाखुरे-मौसपिपलिया- हमीरपुर से एस 44 तक और ग्वालियर के जैनोर-करारिया-भितरवार (सभी मार्ग की कुल लंबाई 161.36 किलोमीटर) के उन्नयन की स्वीकृति प्रदान की। सड़कों का उन्नयन न्यू डेवलपमेंट बैंक की सहायता से किया जायेगा।
मंत्रि-परिषद ने आज तीन जिलों की सिंचाई परियोजनाओं की भी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। इनमें सागर जिले में कडान मध्यम सिंचाई परियोजना की 9 हजार 990 हेक्टर सिंचाई क्षमता के लिए 385.79 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इस परियोजना से सागर जिले के राहतगढ़ और बंडा विकासखंड के 53 गाँव लाभान्वित होंगे। परियोजना से सागर जिले के राहतगढ़ विकासखंड के 107 गाँवों को पेयजल प्रदान किया जायेगा। इसी प्रकार बिलगाँव मध्यम सिंचाई परियोजना के कुल सैंच्य क्षेत्र 9 हजार 980 हेक्टयर रबी सिंचाई के लिए 269.90 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इस परियोजना से डिंडौरी जिले की शहपुरा तहसील के 46 गाँव लाभान्वित होंगे।
मंत्रि-परिषद ने लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना की 90 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता के लिए 2208.03 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। इस परियोजना से शिवपुरी जिले के विकासखंड खनियाधाना, पिछौर, करेरा के 222 ग्राम तथा दतिया जिले के दतिया विकासखंड के 36 गाँव लाभान्वित होंगे।