एमपी में पुलिस के पाँच हजार नए पद
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में 5,000 पुलिसकर्मी सहित विभिन्न विभाग में 6,962 नये पद के सृजन को मंजूरी दी गई। पुलिस के लिये मंजूर पदों में 68 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 113 उप-पुलिस अधीक्षक, 131 निरीक्षक, 384 उप-निरीक्षक, 195 सूबेदार, 1200 प्रधान आरक्षक, 1254 आरक्षक के पद शामिल हैं।ग्रामीण विकास विभाग में कार्यक्रमों और योजनाओं के अधिक प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की घोषणा के परिपालन में विभाग की पुनर्संरचना के लिये मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण विकास सेवा के अन्तर्गत 2,667 पद के सृजन और युक्तियुक्तकरण को मंजूरी दी गई । इन पदों में 9 अतिरिक्त संचालक, 40 संयुक्त आयुक्त, 125 उपायुक्त, 265 अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त, 285 विकास खण्ड अधिकारी, 313 विकास विस्तार अधिकारी और 1640 सहायक विकास विस्तार अधिकारी के शामिल हैं।मनरेगा लोकपालमहात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में अधिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिये ‘मनरेगा लोकपाल’की नियुक्त का निर्णय लिया गया। इससे योजना के संबंध में मिलने वाली शिकायतों का त्वरित निराकरण हो सकेगा। मनरेगा लोकपाल योजना में निर्धारित कार्य नियमों के अनुसार शिकायतों की जाँच करेंगे। वे दोषियों के विरुद्ध समुचित कार्रवाई करने के लिये अपनी अनुशंसाएँ और निष्कर्ष राज्य शासन को भेजेंगे। मनरेगा लोकपाल राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार से स्वतंत्र रहकर कार्य करेंगें। प्रदेश में कुल 21 मनरेगा लोकपाल नियुक्त होंगे। वे संभागीय सर्तकता समिति के सदस्य के कार्यक्षेत्र वाले क्षेत्र में कार्य करेंगे। इस कदम से मनरेगा के कार्यों में अधिक पारदर्शिता आयेगी, गुणवत्ता बेहतर होगी और मजदूरी का भुगतान समय पर हो सकेगा।26 नये अनुविभागमंत्रि-परिषद् ने विभिन्न जिलों में राजस्व, कानून व्यवस्था तथा शासन के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के बेहतर सम्पादन के लिये 26 नये अनुविभाग के गठन एवं सिंगरौली तथा अलीराजपुर के लिये प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए डिप्टी कलेक्टर के 34 पद स्वीकृत करने का निर्णय लिया। इनके लिये आवश्यक अमले की भी स्वीकृति दी गई। इसमें 34 स्टेनो टायपिस्ट, 52 सहायक, 34 वाहन चालक, 26 डाटा एन्ट्री आपरेटर, 68 भृत्य तथा 26 चौकीदार/अर्दली शामिल हैं।अब निवेश प्रकरणों में शीर्ष स्तरीय निवेश संवर्धन साधिकार समिति द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम होगा। इससे निवेश कम्पनियों के निवेश प्रस्तावों का त्वरित निराकरण हो सकेगा और निवेश परियोजनाओं के क्रियान्वयन को गति मिलेगी।दो इंजीनियरिंग महाविद्यालयआदिवासी अंचलों में नवीन इंजीनियरिंग महाविद्यालायों की स्थापना के उद्देश्य से राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की घटक संस्था के रूप में झाबुआ और शहडोल में नये इंजीनियरिंग महाविद्यालय स्थापित करने का प्रशासनिक निर्णय लिया गया है। इनमें शैक्षणिक कार्य अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के अनुमोदन के बाद शुरू होगा। प्रत्येक महाविद्यालय में चार संकाय 60 प्रवेश क्षमता के साथ संचालित होंगे। इस प्रकार प्रतिवर्ष लगभग 200 विद्यार्थी लाभांन्वित होंगे।मंत्रि-परिषद् ने इन महाविद्यालयों के लिये राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को भूमि निशुल्क आवंटित करने का निर्णय लिया। विनिमय विलेख पर स्टॉम्प शुल्क एवं पंजीयन प्रभार से भी विश्वविद्यालय को छूट दी जाएगी। शहडोल में 12.713 एकड़ तथा झाबुआ में 8 हेक्टेयर भूमि का आवंटन निशुल्क किया जाएगा।