लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर महापुरुष के नाम पर स्कूल बंद करने की परंपरा ठीक नहीं है। अब महापुरुषों के नाम पर होने वाली छुट्टियां बंद होंगी। महापुरुषों की जयंती और निर्वाण दिवस पर अब स्कूलों में घंटे दो घंटे के कार्यक्रम आयोजित होंगे ताकि बच्चे उनके संघर्ष और गौरवमयी व्यक्तित्व के बारे में जान सकें।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को विधानभवन के सामने स्थित अंबेडकर महासभा में बाबा साहब की जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। कहा कि कई बार गांवों में जाने पर बच्चों से पूछा कि स्कूल क्यों नहीं गए तो वह कहते हैं कि आज इतवार है। यह याद दिलाने पर कि इतवार नहीं, मंगलवार है तो बस इतना बता पाते कि स्कूल में छुट्टी है। यह नहीं बता पाते कि छुट्टी किस बात की है। ऐसी छुट्टियों का कोई औचित्य नहीं है।
योगी ने कहा कि कितनी विडंबना है कि 220 दिन विद्यालय चलने चाहिए लेकिन, 120 दिन से ज्यादा नहीं चल पा रहे हैं। अंबेडकर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में एक पद पाने के लिए लोग अपने सम्मान को गिरवी रखते हैं लेकिन बाबा साहब ने ऐसे पदों को ठुकरा दिया। वहीं राज्यपाल राम नाईक ने भी समारोह को संबोधित करते हुए पिछले कार्यक्रमों की याद ताजा की। कहा कि पहले भी तीन बार यहां आया लेकिन, अबकी बार सबकुछ बदला है। बाबा साहब के संविधान की महत्ता बताते हुए राम नाईक ने कहा कि पिछली सरकार में विधान परिषद सदस्यों के मनोनयन की सूची मेरे पास आई तो मैंने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया क्योंकि, उसमें कई जेल जा चुके थे और कई ने टैक्स नहीं दिया था। इसी तरह नेता विरोधी दल के चयन में नियमों की अनदेखी की। बाबा साहब के संविधान में सब स्पष्ट है कि आचरण और व्यवहार कैसा होना चाहिए।