दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक एक सप्ताह पहले भाजपा की अनुशासन समिति ने 21 कार्यकर्ताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया है।इन सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इनमें रणहौला वार्ड के मौजूदा पार्षद भी शामिल हैं।
पार्टी की अनुशासन समिति को इन कार्यकर्ताओं के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को चुनाव में नुकसान पहुंचाने की शिकायत मिली थी। समिति ने जाच में शिकायत सही पाई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा ने मौजूदा पार्षदों, उनके रिश्तेदार और अन्य करीबियों को टिकट नहीं दिया था। पार्टी ने नए और युवा चेहरों पर दांव खेलते हुए नामांकन से कुछ घंटे पहले सभी प्रत्याशियों के नाम सार्वजनिक किए थे। इससे जिससे टिकट की आस लगाए कार्यकर्ता नाराज थे।
आखिरी वक्त पर टिकट का फैसला होने से बागी कार्यकर्ताओं को किसी अन्य दल से चुनाव लड़ने का मौका तक नहीं मिला। इसके बाद वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लग गए। साथ ही प्रत्याशियों के खिलाफ दुष्प्रचार करने में जुट गए। ऐसी शिकायतें मिलने के बाद पार्टी ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया ताकि भितरघात करने वाले सचेत हो जाएं।
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से दस दिन पहले भाजपा 5 फरवरी को अपने 33 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में निष्कासित कर दिया था। प्रदेश पार्टी महामंत्री नरेश बंसल ने बताया था कि प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के निर्देश पर 33 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है।