आईएसआई नेटवर्क के मास्टर माइंड रज्जन तिवारी का सहयोगी मनींद्र के साथ ही उसके भाई धर्मेंद्र की भी मिलीभगत सामने आ रही है। बिलासपुर पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपने भाई के दिल्ली में रहने व एटीएम के जरिए रकम निकालकर आईएसआई तक पहुंचाने की बात कही है। मंगलवार को पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा की जांच की, जिसमें 5 लाख रुपए ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ है।
शनिवार को पुलिस ने शहर के साथ ही जांजगीर-चांपा के अकलतरा में आईएसआई नेटवर्क का खुलासा किया था। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपी मनींद्र यादव व संजय देवांगन को गिरफ्तार किया। उनके बैंक खातों से पिछले तीन साल में लाखों रुपए लेनदेन हुआ है। पाकिस्तानी जासूस सतविंदर से उसका कनेक्शन मिला है। दरअसल जम्मू-कश्मीर के आरएसपुरा थाने में सतविंदर के साथ ही आरोपी संजय के खिलाफ भी देशद्रोह का अपराध दर्ज है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच व खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर ही मध्यप्रदेश एटीएस ने सतविंदर से जुड़े आईएसआई नेटवर्क का खुलासा बीते फरवरी माह में भोपाल में किया था।
सतविंदर का तार आईएसआई नेटवर्क के रूप में सतना के आदतन अपराधी रज्जन उर्फ राजीव तिवारी से जुड़े थे। मध्यप्रदेश एटीएस ने इस मामले में आधा दर्जन से अधिक युवकों को गिरफ्तार किया। एटीएस की जांच में खुलासा हुआ कि रज्जन तिवारी आईएसआई नेटवर्क का मास्टर माइंड है। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में उसके मामा का घर है। लिहाजा तीन साल पहले 2014 में वह अकलतरा आया था।
उसी समय अपने ममेरा भाई अवधेश दुबे, संजय देवांगन व मनींद्र को रकम का लालच देकर बैंक खाता खुलवाया था। रज्जन के कहने पर ही इनके द्वारा रकम को दूसरे खातों में जमा कराया जाता था। पुलिस ने आरोपी मनींद्र व संजय को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। आरोपी मनींद्र से पूछताछ में पता चला है कि उसका भाई धर्मेंद्र भी इस नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। वह ट्रेनिंग के सिलसिले में दिल्ली गया था।
उस समय वह आईएसआई नेटवर्क के संपर्क में था। उसने एटीएम के जरिए रकम निकालकर आईएसआई नेटवर्क को उपलब्ध कराया था। पुलिस इस मामले में अब धर्मेंद्र की भी पतासाजी कर रही है। मंगलवार को पुलिस ने सुविधा काम्प्लेक्स स्थित पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा से नैला-जांजगीर शाखा के अकाउंट की जानकारी निकाली, जहां आरोपी मनींद्र व संजय का बैंक खाता है। उनके पीएनबी खाते में भी तीन साल के भीतर करीब 5 लाख रुपए ट्रांजेक्शन होने की जानकारी मिली है।
सिविल लाइन टीआई नसर सिद्दिकी ने बताया कि आरोपियों से मिले बैंक अकाउंट की जानकारी खंगाली जा रही है। लेकिन प्रारंभिक जांच में बैंक प्रबंधन भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि रकम किसने जमा कराया है। इसी तरह जिन खातों में रकम जमा की गई है उन खाताधारकों की पूरी जानकारी भी नहीं मिल पाई है। उन्होंने बताया कि बैंकों में कोड नंबर के आधार पर शाखाओं में काम होता है। लिहाजा पुलिस ने बैंक से संबंधित कोड नंबर के साथ ही खाताधारकों की विस्तृत जानकारी मांगी है।
सिविल लाइन पुलिस ने दोनों आरोपी मनींद्र व संजय को गिरफ्तार करने के बाद रविवार को कोर्ट में पेश किया। इस दौरान उन्हें पूछताछ के लिए 4 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया। इस बीच पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर जानकारी जुटाती रही।