कश्मीर की कृष्णा घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई बर्बरता को लेकर भारत सख्त हो गया है। बुधवार को विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासीत को बुलाकर बर्बरता में पाकिस्तान का हाथ होने से सबूत सौंपे। हालांकि बासीत इससे इन्कार कर गए। पाकिस्तान के इस रूख को लेकर रक्षा मंत्री जेटली ने कहा कि बर्बरता का पाकिस्तान द्वारा किया गया इनकार भरोसेमंद नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि भारत कैसा जवाब देगा? जेटली बोले, सेना में विश्वास रखो।
इससे पहले विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर भारतीय सैनिकों के साथ हुई बर्बरता से जुड़े सबूतों को उनके सामने रखा और रोष जताया। भारत ने मांग की है कि पाकिस्तान इन सबूतों के आधार पर इस हमले में शामिल अपने सैनिकों और उनके मददगारों को सजा दे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल वागले ने बताया कि बासित को बताया गया है कि यह घटना मानवता के सारे मानदंडों के खिलाफ है। साथ ही भारत इसे उकसावे की एक बड़ी घटना मान रहा है।
यह पूछे जाने पर कि भारत की तरफ से क्या सबूत दिए गए हैं, तो वागले ने कहा, \"घटनास्थल पर खून के निशान और खून के पाक के हिस्से वाले नियंत्रण रेखा की तरफ जाना एक अहम सबूत है। जब घटना हुई उस समय पाक कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की तरफ से बड़े पैमाने पर गोलीबारी की गई, ताकि भारतीय सैनिकों के अंग-भंग करने आने वालों को कवर दिया जा सके।बासित ने नहीं माना हाथवागले ने कहा कि बासित ने जयशंकर से कहा कि हमले में पाकिस्तान का हाथ नहीं है। वह भारत का विरोध-पत्र की विषय-वस्तु से अपनी सरकार को अवगत करा देंगे।