नक्सल मोर्चे की समीक्षा के लिए मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई यूनीफाइड कमांड की बैठक में जिला स्तर पर यूनीफाइड कमांड बनाने का फैसला हुआ। तय हुआ कि फोर्स विकास कार्यों को पहले की तरह सुरक्षा देती रहेगी।
बैठक शुरू होते ही बुरकापाल हमले में सुरक्षाबलों में तालमेल की कमी सामने आई तो आंतरिक सुरक्षा सलाहकार और यूनीफाइड कमांड में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के. विजय कुमार भड़क गए। उन्होंने डीजीपी से जवाब तलब किया। कहा-पड़ोसी राज्यों से तालमेल कर अभियान चलाने कहा गया है, लेकिन पुलिस उनके संपर्क में नहीं रहती। अर्धसैन्य बलों को पूरा सहयोग नहीं मिल रहा। इस पर सीएम भी नाराज हुए।
अंदरूनी इलाकों में मोबाइल नेटवर्क न होने की शिकायत पर सीएम ने बीएसएनएल अफसरों को तलब कर खरी-खोटी सुनाई। सुरक्षा बलों की दिक्कतों और उनकी जरूरतों पर चर्चा हुई। समस्याओं की राज्य व केंद्र स्तर की अलग-अलग सूची बनाई गई। बैठक में पहली बार रेलवे के अधिकारियों को भी बुलाया गया था।
बैठक में यूनीफाइड कमांड के उपाध्यक्ष गृह मंत्री रामसेवक पैकरा, मुख्य सचिव विवेक ढांड, एसीएस एन बैजेंद्र कुमार, एमके राउत, पीएस अमन सिंह, सचिव सुबोध सिंह, डीजीपी एएन उपाध्याय, स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी, सीआरपीएफ, आरएपी, सीआईएसएफ के डीजी, बीएसएफ के एडिशनल डीजी, एसआईबी, आईटीबीपी, गृह मंत्रालय के डायरेक्टर, आर्मी के कर्नल, एयरफोर्स के एयर कमाडोर, प्रशासन के अफसर उपस्थित थे।
सीएम ने कहा कि जिलों में एसपी की अध्यक्षता में यूनीफाइड कमांड बनाएं जिसमें अर्धसैन्य बलों के अफसरों को भी शामिल करें। ताकि केंद्र व राज्य मिलकर इस चुनौती का सामना कर पाएं। सुकमा व बीजापुर में केंद्र व राज्य के जवानों के संयुक्त प्रशिक्षण के लिए जंगलवार स्कूल बनाएं। जहां एक साथ जवानों को 3 दिन विशेष प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे तालमेल बढ़े। कहा-सभी सुरक्षा बलों को अपने कार्यक्षेत्र की भौगोलिक जानकारी हो।
हथियारबंद नक्सलियों और उनके समर्थकों की पूरी सूचना होनी चाहिए। नक्सल विरोधी अभियानों में कार्यरत सभी अधिकारियों कर्मचारियों को इन अभियानों की वीडियो फुटेज दिखाई जानी चाहिए। उन्होंने नक्सल इलाकों मेंं शिक्षा और विकास की जरूरत पर जोर दिया।