मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान धार जिले के मोहनखेड़ा में ज्योतिष सम्राट और मुनिश्री ऋषभ चन्द्रविजय जी विद्यार्थी म.सा. के \'\'आचार्य पद पट्टाभिषेक महा-महोत्सव कार्यक्रम\'\' में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आचार्य श्री को काम्बली भेंट कर आशीर्वाद भी लिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आचार्य श्री से सदबुद्धि, सन्मार्ग पर चलने तथा जनता की सेवा के लिए सामर्थ्य प्रदान करने का आशीर्वाद माँगा। उन्होंने कहा कि मोहनखेड़ा तीर्थ में मानव सेवा के लिए अखण्ड व्रत चलता है। यहाँ शिक्षा, संस्कार, चिकित्सा, जल संरक्षण, गौ-सेवा, पीड़ित और शोषित वर्गों के लोगों के कल्याण के लिये विशेष प्रकल्प चलाए जाते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि \'\'नमामि देवि नर्मदे\'\'-सेवा यात्रा के जरिये प्रदेश में नदियों के संरक्षण, पर्यावरण सुधार, जल-संरक्षण के प्रयासों के साथ ही बेटियों को बचाने का महा अभियान चलाया जा रहा है। बेटियों के बिना सृष्टि नहीं चल सकती है, बेटियाँ हैं, तो कल है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म ने \'\'जियो और जीने दो\'\' का मूल-मंत्र दिया है। जीवों के प्रति दया का भाव और अहिंसा का संदेश दिया है। हम सभी इसे आत्मसात करें और जीवों के प्रति दया का भाव रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की धरती पर कोई भी अवैध बूचड़खाना नहीं चलने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आचार्य श्री ऋषभचन्द्र विजय जी म.सा. को राजकीय अतिथि का दर्जा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने आचार्य श्री से अनुरोध किया कि वे सम्पूर्ण प्रदेश का भ्रमण कर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए मोहनखेड़ा तीर्थ द्वारा चलाए जा रहे प्रकल्पों को जन-जन तक पहुँचाये।
पट्टाभिषेक कार्यक्रम में गच्छाधिपति आचार्य श्री ऋषभचन्द्र विजय जी म.सा. ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को श्रेष्ठ मुख्यमंत्री बताते हुए अवैध बूचड़खाने बन्द किए जाने की घोषणा पर उन्हें साधुवाद दिया। उन्होंने बेटी बचाओ अभियान के प्रति भी अपना समर्थन व्यक्त किया।
कार्यक्रम में मोहनखेड़ा तीर्थ से प्रकाशित मासिक पत्रिका \'\'ऋषभ चिंतन\'\' का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत, प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, पूर्व मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद श्रीमती सावित्री ठाकुर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री विक्रम वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी और नागरिक मौजूद थे।