भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार सुबह नर्मदा सेवा मिशन की कार्ययोजना को लेकर बुलाई गई पत्रकारवार्ता में नर्मदा में रेत खनन करने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। यह आज से ही लागू किया गया है। किसी भी मशीन से नर्मदा में खुदाई नहीं की जाएगी। सीएम ने कहा कि खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। आईआईटी खड़गपुर की रिपोर्ट आने तक खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। बाकी नदियों में नियमानुसार रेत खनन किया जा सकेगा।
इसी के साथ पत्थर से रेत बनाने वालों पर तीन साल तक रायल्टी नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य के मामले में पार्टी ने अपना रुख साफ कर दिया है। मंत्री ज्ञान सिंह आर्य का इस्तीफा हो रहा है। सीएम ने कहा कि पांच जून को विश्व पयार्वरण दिवस के लिए अभियान चलेगा। नर्मदा के केचमेंट एरिया में 6 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
नदियों से रेत उत्खनन में मशीनों के उपयोग पर प्रतिबंध
राज्य शासन ने नदियो से रेत उत्खनन में मशीनों के उपयोग को प्रतिबंधित किया है। खनिज साधन विभाग द्वारा आज इस संबंध में आदेश जारी किया गया। जिसमें लेख है कि भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की व्यवस्था अनुसार रेत खदान संचालन के लिये स्टेट एनवायरमेंट इम्पेक्ट असैसमेंट अथारिटी (सिया) अथवा डिस्ट्रक्टि एनवायरमेंट इम्पेक्ट असैसमेंट अथारिटी (डिया) द्वारा पर्यावरणीय अनुमति प्रदान की जाती है। पर्यावरणीय अनुमति में शर्त होती है कि रेत खनन मानव श्रम से किया जाये, जिसमें मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णत: प्रतिबंध है। राज्य शासन ने समस्त जिला कलेक्टर को निर्णय का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।