एम पी में मिशन ओलम्पिक
एम पी में मिशन ओलम्पिक
मलखम्ब मध्यप्रदेश का ‘राज्य खेल’ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद् की बैठक में खेल के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में मलखम्ब को राज्य खेल घोषित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही ओलम्पिक्स गेम्स 2020 में प्रदेश के खिलाड़ियों द्वारा देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयनित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की मिशन ओलम्पिक-2020 नामक नवीन योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। मलखम्ब मलखम्ब भारत की प्राचीनतम खेल विधा है जिसे भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। इसकी तकनीक पराम्परागत है और इससे अनेक आधुनिक खेल विधाओं का विकास हुआ है। मलखम्ब खिलाड़ी किसी भी खेल के लिए उपयुक्त एवं दक्ष होते हैं। कम से कम समय में शरीर के प्रत्येक अंग को व्यायाम देने वाला यह विश्व का एकमात्र खेल है। कुश्ती, जिमनास्टिक, पोल वाल्ट आदि खेलों में मलखम्ब खिलाड़ी विशेष दक्षता प्राप्त कर सकते हैं। इन्हीं सब विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए मलखम्ब ‘राज्य खेल’ घोषित करने का निर्णय लिया गया है। मिशन ओलम्पिक-2020 योजना मंत्रि-परिषद् ने प्रदेश में ओलम्पिक गेम्स-2020 में प्रदेश के खिलाड़ियों द्वारा देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयनित खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण के उद्देश्य से मिशन ओलम्पिक-2020 नामक नवीन योजना को मंजूरी दी। इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 16 जनवरी 2013 को युवा पंचायत में की थी। मिशन ओलम्पिक के लिए मार्शल आर्ट, वाटर स्पोटर्स एवं शूटिंग का चयन किया गया है। योजना में न्यूनतम 9 वर्ष की उम्र से चयनित प्रतिभावान खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रत्येक खेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रशिक्षकों की सेवा ली जायेगी। प्रत्येक खेल के लिए 4 पुरुष एवं 4 महिला खिलाड़ी (शूटिंग के लिए 6-6 खिलाड़ी) का अंतिम चयन किया जायेगा। कुल 76 खिलाड़ी को विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। चयनित खिलाड़ियों को चिन्हित विदेशी प्रशिक्षण संस्थानों में दो वर्ष में से किसी एक वर्ष में दो माह के लिए तथा देश में चिन्हित प्रशिक्षण संस्थानों में प्रत्येक वर्ष एक माह के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए भेजा जायेगा।योजना के क्रियान्वयन के लिए फिटनेस ट्रेनर, साइक्लॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट और मसाजर के नये पद भी सृजित किए जायेंगे। बारहवीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2013-14 से 2016-17) में इस योजना पर 28 करोड़ 87 लाख रुपये का व्यय अनुमानित है। मंत्रि-परिषद् ने परियोजना प्रशिक्षण समिति की अनुशंसाओं के आधार पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 11वीं पंचवर्षीय योजना में संचालित 6 योजना को 12वीं पंचवर्षीय योजना में निरंतर किये जाने का निर्णय लिया। इनमें खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, युवा संधि को अनुदान, स्टेडियम एवं खेल अधोसंरचना, खेल अकादमियों की स्थापना, खेल अकादमियों का संचालन तथा पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान-पायका शामिल हैं। इन पर प्रस्तावित व्यय 488 करोड़ 20 लाख रुपये है।