पूर्व बस्तर आईजी कल्लूरी के बस्तर से विदा होने के बाद पुलिस मुख्यालय और crpf सहित केंद्रीय बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के सामंजस्य के आभाव में लगातार नक्सल मोर्चे पर पुलिस को विफलता मिली है।crpf को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा है।कोबरा सहित उनके जवानों को सड़क निर्माण में तैनात किया गया था ।किन्तु उन्हें नक्सली लगातार नुकसान पहुंचते रहे हैं।अब जाने किस मज़बूरी के चलते आलाकमान सड़क निर्माण में लगे ठेकेदारों को लाभ पहुँचने बस्तर में सर्वाधिक कामयाब drg को सड़क निर्माण सुरक्षा में तैनात किया जा रहा है।इन drg के जवानों पर वरंगटे में नक्सल विरोधी उच्च कोटि के प्रशिक्षण में करोड़ो खर्च किया गया था।अब ये जवान मुख्य मोर्चे से हटकर रोड निर्माण में तैनात है।जिससे नक्सल उन्मूलन अभियान प्रभावित हो रहा है।पुलिस मुख्यालय और आलाधिकारियों को बेहतर रणनीति बनाने की जरुरत है तभी नक्सलियों पर प्रभावी कार्यवाही हो सकेगी।अभी तो ऐसा लग रहा रोड बनाना केवल छत्तीसगढ़ पुलिस का ठेका हो गया है जबकि हर कैम्प में लगभग 300 crpf,कोबरा के जवान आधुनिक हथियारों से लैस 4 किलोमीटर के दूरी पर सुरक्षित कैम्प में तैनात है जिसे देखकर drg के जवानों में आक्रोश पैदा होने लगा है । इसी कारण नक्सलियों को फिर बड़ी घटना को आजम देने का मौका मिल सकता है अभी भी समय है बड़े अधिकारी इस समस्या को सुलझा ले वरना बाद में केवल आरोप एक दूसरे को लगाते रह जाएंगे।