मैथिली शरण गुप्त विशेष पुलिस महानिदेशक के कार्यों के लिये मध्य प्रदेश को मिले स्मार्ट पुलिसिंग के दो राष्ट्रीय फिक्की अवार्ड मिले हैं।
मैथिली शरण गुप्त ने विशेष पुलिस महानिदेशक (रेल्वे) की पदस्थापना के दौरान रेल्वे यात्रियों की समस्याओं के समाधान व सशक्तीकरण के लिये जी. आर. पी. हेल्प एप एवं बेव वेस्ड रिस्पोंस मोनीटरिंग व रेल में प्रभावी विवेचना सहायता की व्यवस्था स्थापित की थी। यह व्यवस्था पूरे देश में अपनी सेवांये दे रही है। इस व्यवस्था की एक खासियत यह भी है कि यह इन्टरनेट के उपलब्ध न होने पर भी अपनी सेवायें पहुचाने में सक्षम् है। रेल्वे यात्री जी. आर. पी. हेल्प एप पर मात्र एक बटन दबाकर QIRTs (Quick Investigation and Response Teams) के माध्यम से सुनिश्चित मदद् चलती ट्रेन में प्राप्त कर सकते हैं। यह टीम चलती ट्रेन में ही मौके पर अपराध पंजीयन कर प्रभावी विवेचना प्रारम्भ्ा कर लुप्त होने के पहले साक्षो को संकलित कर अपराधियों को दबोचने में सक्षम है। इस व्यवस्था के मिलने से यात्रियों का सशक्तीकरण हुआ है व पूरे देश में रेल यात्रियों को इसका लाभ मिल रहा है। श्री मैथिली शरण गुप्त विशेष पुलिस महानिदेशक को इस कार्य के लिये FICCI के द्वारा राष्ट्रीय स्मार्ट पुलिस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। श्री गुप्त ने श्री राकेश जैन निदेशक, इन्फोक्राफ्ट बेब सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को इस स्वप्न को कार्पोरेट सोशल जिम्मेदारी के तहत अंजाम देने का श्रेय देते हुए सराहना की।
श्री गुप्त को दूसरा राष्ट्रीय फिक्की स्मार्ट पुलिस अवार्ड महानिदेशक होमगार्ड की पदस्थापना के दौरान बेब बेस्ड राज्य आपदा कंमाड एवं आपदा प्रबंधन व्यवस्था को बनाने के लिये दिया गया है उल्लेखनीय है कि यह अनूठी व्यवस्था है जिसके तहत राज्य शासन के सभी विभागों, स्थानीय निकायों, निजी एवं शासकीय औदृयोगिक संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों, परोपकारी संगठनों एवं निजी व्यक्तियों तथा संस्थानों के मानव एवं उपकरणीय संसाधनों की जियो टेगिंग की जाकर मात्र एक बटन दबाकर आपदाओं से जन जीवन एवं उनकी सम्पत्ति को बचाने की प्रभावी व्यवस्था की गयी है । राज्य शासन से सभी 51 जिलों को सिविल डिफेंस जिला घोषित कराया जाकर राज्य में सिविल डिफेंस की प्रभावी नीव रखी गयी एवं इसमें राज्य आपदा एवं आपात् मोचन बल की चार इकाइयों, 51 जिला आपात मोचन सेंटर, 377 आपदा वचाव केन्द्रों एवं 110000 सिविल डिफेंस वॉलिंटियरों को जोड़ा गया है एवं परोपकारी संगठनों के 3.5 लाख वॉलिंटियरों को जोड़े जाने की कार्यवाही की जा रही है।पिछले मानसून के समय इस व्यवस्था का प्रभावी उपयोग कर 40000 से अधिक व्यक्तियों आपदा के पहले सुरक्षित स्थान पर पहॅुचाकर बचाया गया एवं 13000 से अधिक व्यक्तियों की बाढ़ की विषम परिस्थितियों में जान बचायी गयी। इस व्यवस्था को कार्य रूप में परिणित करने के लिये मध्य प्रदेश विज्ञान केंद्र विशेषतौर पर प्रमुख विज्ञानिक श्री संदीप गोयल व उनकी टीम को श्रेय देते हुए सराहना की। श्री गुप्त को यह दोनों अवार्ड दिल्ली में प्रदान किये गए ।