‘ग्लोबल स्किल एण्ड एम्प्लॉयमेंट समिट’ में आज ‘पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर’ पर महत्वपूर्ण और सार्थक विमर्श हुआ। सत्र की विशेषता यह रही कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अचानक इस सत्र में पहुँचे और आम प्रतिभागी की तरह उन्होंने अपनी सहभागिता की। सत्र में राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक, मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह एवं पर्यटन सचिव तथा पर्यटन निगम के एम.डी. श्री हरि रंजन राव सहित आमंत्रित विषय-विशेषज्ञ और प्रतिभागी मौजूद थे।
राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक ने सत्र में कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन के जरिये रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में सतत् प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में व्यापक संभावनाएँ हैं। इसी को देखते हुए जल-पर्यटन, होटल प्रबंधन, रेलवे कुली, ऑटो चालक, पर्यटन पुलिस और होम-स्टे योजना में विभिन्न प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में 23 हजार 700 लोगों को पर्यटन में रोजगार संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से तकरीबन 68 फीसदी लोगों को पर्यटन क्षेत्र में रोजगार और शेष को प्रायवेट सेक्टर में रोजगार मिला है। प्रदेश में निवेश-मित्र पर्यटन नीति लागू की गई है। जल-पर्यटन के क्षेत्र में नई शुरुआत की गई है। हनुवंतिया में इस साल जल-महोत्सव 80 दिन का होगा। श्री भौमिक ने आशा व्यक्त की कि इस सत्र के उपयोगी विमर्श से पर्यटन क्षेत्र को विस्तार मिलेगा।
निगम की अपर प्रबंध संचालक सुश्री तन्वी सुन्द्रियाल ने \'मध्यप्रदेश में पर्यटन परिदृश्य\'\' पर प्रेजेंटेशन में बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार में 13 प्रतिशत ग्रोथ की संभावनाएँ हैं। वर्तमान में पर्यटकों और लोगों का ऑनलाइन बुकिंग के प्रति रुचि और रुझान बढ़ा है। प्रदेश में पर्यटन में निवेश की अच्छी संभावनाएँ हैं। उन्होंने प्रेजेंटेशन में होटल, हॉस्पिटेलिटी, रेस्टॉरेंट, टूर एण्ड ट्रेवल और विजन 2020 के लक्ष्य और उन्हें हासिल करने की रणनीति को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खुलने वाले नए नेशनल इंस्टीट्यूट में पर्यटन विषय पर एमबीए का पाठ्यक्रम भी होगा।
महिन्द्रा हॉलिडे एण्ड रिसॉर्ट इंडिया के अध्यक्ष श्री अरुण के. नन्दा ने बताया कि घरेलू पर्यटक प्राय: नजदीकी स्थान पर भ्रमण के लिये जाने के इच्छुक रहते हैं। इसके लिये मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थल सर्वाधिक उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन में रोजगार की काफी गुंजाइश है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को लेकर भी अच्छी खबरें मिल रही हैं। मध्यप्रदेश की ‘अतिथि देवो भव:’ की प्राचीन भारतीय परम्परा और यहाँ की तहजीब पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये पर्याप्त है। श्री नन्दा ने आर.पी.एल. के जरिये प्रशिक्षण कार्यक्रम में समन्वय स्थापित करने की जरूरत बताई।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर के उपाध्यक्ष श्री राजीव मेहरा ने कहा कि देश की अर्थ-व्यवस्था में पर्यटन की अहम भूमिका है। पर्यटन के जरिये रोजगार में लगभग 10 फीसदी का योगदान है। उन्होंने कहा कि ट्रेवल टूरिज्म में भी अच्छी संभावनाएँ हैं। श्री मेहरा ने पर्यटन को कठिन परिश्रम वाला क्षेत्र बताते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार के लिये आगे आना चाहिए।
होटल एण्ड रेस्टॉरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष श्री सुमित सूरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश के क्षेत्र में अनुकूल वातावरण होने से अच्छे निवेशक यहाँ जरूर आएँगे। राज्य शासन द्वारा रोजगार के क्षेत्र में अच्छी संभावनाएँ और अवसर विकसित कर दिये गये हैं। जरूरत इस बात की है कि इन अवसरों का सही ढंग से लाभ उठाया जाये। श्री सूरी ने कहा कि अच्छे मेनपॉवर की जरूरत सभी को रहती है और वे ‘ऑन जॉब ट्रेनिंग’ में हर संभव सहयोग को तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि होटल इंडस्ट्री एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें अपेक्षाकृत कम पढ़े-लिखे लोगों के लिये भी रोजगार के अवसर हैं।
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडिया टूरिज्म एण्ड हॉस्पिटेलिटी के कंसल्टेंट सी.ई.ओ. श्री आशीष गुप्ता ने अपने प्रेजेंटेशन में मध्यप्रदेश में पर्यटन की विशिष्ट स्थिति और खूबियों को और अधिक प्रचारित किये जाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में मल्टी स्किल प्रतिभाओं की भी आवश्यकता है। श्री गुप्ता ने पे-टीएम, गूगल ट्रेवल, फेसबुक, एक्सपीडिया आदि साधनों की चर्चा करते हुए इनके उपयोग पर जोर दिया।
पर्यटन सचिव एवं निगम के एमडी श्री हरि रंजन राव ने प्रदेश की पर्यटन की खूबियों की चर्चा करते हुए कहा कि जल-पर्यटन, होम-स्टे और Way Side Amenities आदि क्षेत्रों में नए अवसर उपलब्ध करवाए गए हैं। श्री राव ने कहा कि प्रदेश के बघेलखण्ड विशेषकर सतना के कुक पूरे देश में जाने जाते हैं। वहाँ के कुक देश भर में काम भी कर रहे हैं।
प्रारंभ में श्री राव ने विषय प्रवर्तन किया। निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. पी.पी.सिंह एवं श्री ओ.वी.चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें टूरिज्म सिग्नेचर स्टॉल भेंट किये। प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों के प्रश्नों के समाधानकारी उत्तर दिये गये।