भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बोरासघाट शहीदों के स्मारक स्थल को भव्य स्वरूप दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि भोपाल नगर के विभिन्न स्थानों का नाम शहीदों, सैनानियों, क्रांतिकारियों, समाज सुधारकों के नाम पर रखा जाये। उन्होंने इसके लिये टीम गठित कर नामों का चयन करने के निर्देश दिये हैं। श्री चौहान बोट क्लब में भोपाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन नगर निगम द्वारा भोपाल की आजादी की 68वीं वर्षगांठ पर किया गया था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विलीनीकरण आंदोलन में शामिल हुये सेनानी श्री कुबेर सिंह सकलेचा और श्री मानकचंद चौबे का सम्मान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। भोपाल गान की सीडी का विमोचन किया।
श्री चौहान ने भोपालवासियों का आव्हान किया कि वो टीटी नगर को तात्या टोपे नगर के नाम से ही संबोधित करें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि जहाँ भी टीटी नगर लिखा है वहाँ तात्या टोपे नगर लिखवाने के लिये नागरिकों से अपील करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जो देश अपने शहीदों का स्मरण नहीं करता, वह अधिक दिन तक बना नहीं रह सकता। उन्होंने बताया कि भोपाल को आजादी देश की आजादी के दो साल बाद मिली। नबाव के दुराग्रह के कारण नबाव से आजादी के लिये भोपाल के लोगों को घनघोर संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने विलीनीकरण के सेनानियों बोरास के शहीदों का उल्लेख करते हुये कहा कि शहीदों की पूजा की जानी चाहिये। शहीदों का निरंतर स्मरण किया जाना चाहिये।
भोपाल की वर्षगांठ मनाने के लिये उन्होंने नगर निगम को बधाई दी। नागरिको का आव्हान किया कि वे भारत माता की आजादी को बनाये रखने के लिये अपना सर्वस्व अर्पित करने तैयार रहें। भोपाल सहित प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने के लिये नागरिक कर्तव्यों का जिम्मेदारी के साथ पालन करें। उन्होंने नमामि देवी नर्मदे अभियान का उल्लेख करते हुये कहा कि आगामी दो जुलाई को वृक्षारोपण का वृहद कार्यक्रम होगा। भोपालवासी भी पौधे लगाने में सहयोग करें। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में प्रदेश के बच्चों की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिये सरकार प्रयासरत है। ग्लोबल स्किल समिट का आयोजन किया गया है। इसमें तय किया गया है कि एक वर्ष में एक लाख नया रोजगार सृजित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के शिक्षा के मार्ग में कोई बाधा नहीं आने दी जायेगी। बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश मिलता है। उनके माता-पिता फीस देने में सक्षम नहीं है, तो राज्य सरकार उनकी फीस भरवायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नागरिकों से अपील की कि वे जाति, मजहब आदि के भेदभाव के बिना भोपाल, प्रदेश, देश को आगे बढ़ाने, भोपाल की विशिष्टता बनाये रखने और शहर की शांति में खलल पैदा करने वालों को अलग-थलग कर देने के लिये संकल्पित हो। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नदिया चले रे चले धारा का गायन भी किया।
महापौर श्री आलोक शर्मा कहा कि भोपाल की आजादी की वर्षगांठ प्रति वर्ष मनाई जायेगी। उन्होंने बताया कि भोपाल की आजादी की 68वीं वर्षगांठ के अवसर पर भोपाल दिवस मनाया गया है। उन्होंने कहा कि आजादी के जननायकों, शहीदों की यादों को अमर बनाये रखने के लिये उनका निंरतर स्मरण किया जाता रहेगा। उन्होंने भोपाल की गंगा जमनी तहजीब का जिक्र करते हुये भोपाल की आजादी के संघर्ष में योगदान देने वाले जननायकों का भी उल्लेख किया।
कार्यक्रम में नेहरू युवा केन्द्र भोपाल के द्वारा गणेश वंदना और राष्ट्रीय गीतों पर आधारित नृत्य की प्रस्तुतियाँ दी। पार्श्व गायिका मधुश्री भट्टाचार्य ने भी गीतों की प्रस्तुतियाँ दीं। इस अवसर पर भव्य आतिशबाजी भी हुई।
कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष भाजपा, सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान, राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, लोक निर्माण मंत्री श्री रामपालसिंह, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सहकारिता श्री विश्वास सारंग, सांसद श्री आलोक संजर, विधायक श्री सुरेन्द्र नाथ सिंह, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओम यादव, वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव, श्री विजयदत्त श्रीधर, विलीनीकरण आंदोलन के जननायकों के परिजन और नगर निगम परिषद के सदस्यगण और बड़ी संख्या में भोपाल के नागरिक उपस्थित थे।