बस्तर के पूर्व आईजी शिवराम कल्लुरी को जल्दी ही काम सौंपा जा सकता है. वे पिछले चार महीनों से पुलिस मुख्यालय में हैं और सरकार ने उन्हें अब तक कोई काम नहीं सौंपा था. वे पुलिस मुख्यालय में काम नहीं होने के कारण कम समय के लिये ही आ रहे थे.
बस्तर से हटाये जाने के बाद वे बिना काम के ही पुलिस मुख्यालय में पदस्थ थे. खबर है कि संघ के कुछ नेताओं के दबाव के बाद भी सरकार ने उन्हें कोई जिम्मेवारी सौंपने से इंकार कर दिया था. अब चार महीने बाद उन्हें कोई काम सौंपने पर विचार किया जा रहा है.
बस्तर में आई जी रहते हुये मानवाधिकार आयोग समेत कई सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के निशाने पर रहे शिवराम प्रसाद ने स्वास्थ्यगत कारणों से अवकाश लिये था. लेकिन सरकार ने उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया था. इसके बाद वे यह कहते हुये वापस लौट आये थे कि वे अब स्वस्थ हैं.
इन परिस्थितियों में कल्लुरी को बस्तर से हटा कर फरवरी में पुलिस मुख्यालय में पदस्थ कर दिया गया था. हालांकि यहां पदस्थ रहते हुये उन्होंने सोशल मीडिया में जो टिप्पणियां की, जिस तरीके से बिना सूचना के निजी आयोजनों में भाग लिया, उसे लेकर सरकार में भारी नाराज़गी दिखाई गई. इन मामलों में उन्हें नोटिस भी जारी किया गया.
सरकार की नाराज़गी का ही सबब है कि शिवराम प्रसाद कल्लुरी को पिछले चार महीने से कोई काम नहीं दिया गया. इन चार महीनों में वे रायपुर और दिल्ली के एक-एक नक्सल विरोधी आयोजनों में शामिल हुये और सुर्खियां भी बटोरी. इन आयोजनों के अलावा मानवाधिकार आयोग और दूसरे संगठनों में भी कल्लुरी के नाम की चर्चा बनी रही.सोशल मीडिया में कल्लुरी के समर्थक लगातार उनकी बस्तर वापसी की भी मांग के साथ सक्रिय रहे हैं.
खबर है कि अब कल्लुरी को सरकार कोई कार्यभार सौंपने पर विचार कर रही है. अगले सप्ताह तक सरकार किसी कार्यभार के साथ उनकी वापसी कर सकती है. हालांकि अभी कल्लुरी अवकाश पर हैं.