मध्यप्रदेश के मंदसौर में प्रदर्शनकारी किसानों पर हुई गोलीबारी की घटना के बाद हुई छ किसानों की मौतों से नाराज प्रदर्शनकारियों ने आज मंदसौर कलेक्टर के साथ मारपीट और झूमाझटकी की। कलेक्टर मंदसौर स्वतंत्र कुमार सिंह स्टेट हाईवे पर शव रखकर प्रदर्शन करने वालों को समझाईश देने के लिए एसपी ओपी त्रिपाठी के साथ पहुंचे थे, तब उन पर आक्रोशित भीड़ ने हमला किया। बाद में उन्हें वहां से हटाया गया। इधर मंदसौर में प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह चक्काजाम कर रखा है। कर्फ्यू के बाद भी लोग हटने को तैयार नहीं हैं। कल हुई गोलीबारी की घटना में मंदसौर बरखेड़ा पंथ गांव के तीन किसानों की मौत हुई थी। इसमें से एक 11 साल का छात्र अभिषेक सिंह भी है। इससे गांव वालों में आक्रोश और बढ़ गया और एक किसान ने कलेक्टर को थप्पड़ मार दिया। कुछ लोगों ने दूर तक कलेक्टर का पीछा भी किया। एसपी के साथ भी झूमाझटकी हुई है और बीजेपी के पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार को जमकर पीटा और उनकी गाड़ी में आग लगा दी।
कलेक्टर, मंदसौर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया मंदसौर और पिपलिया मंडी में कर्फ्यू लगा है। मंदसौर में हाईवे पर प्रदर्शनकारियों द्वारा शव रखकर चक्काजाम किया जा रहा है जिसे हटाने के लिए समझाईश देने की कोशिश की जा रही है। प्रदर्शन के मामले में 25-30 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है।
गोलीचालन के बाद आज भी किसानों का प्रदर्शन उग्र रूप लिए रहा। आंदोलनकारी किसानों ने रूई के एक गोदाम में आग लगा दी तो सड़क के किनारे खड़े वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। पिपल्या मंडी में टोल नाके पर भी आंदोलनकारियोंं के कब्जे की खबर है। जानकारी के मुताबिक आज सुबह हजारों किसान बरखेड़ापंथ गांव में जमा हुए थे। मृतकों के अंतिम संस्कार से लौट रही भीड़ ने पिपल्या मंडी के टोल नाके पर कब्जा कर लिया और नाके के पास खड़े वाहनों में आग लगा दी। यहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी पथराव किया। इधर, इंदौर और भोपाल के मिसरौद में भी किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया। किसानों ने सरकार का पुतला फूंका और चक्काजाम कर तोड़फोड़ की।
मंदसौर गोलीकांड में 6 किसानों की मौत के बाद प्रदेश बंद के आह्वान का सबसे ज्यादा असर मालवा क्षेत्र में दिखाई दिया बाकि भी प्रदेश के कई इलाकों में बंद शांतिपूर्ण रहा । इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, देवास, रतलाम में प्रदर्शनकारी सड़कों पर नजर आए और जगह-जगह चक्काजाम और तोड़फोड़ की खबर मिल रही है। प्रमुख शहर जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, उज्जैन में भी किसान प्रदर्शन जारी है।
कलेक्टर स्वतंत्र कुमार के बयान से सरकार यह दावा खोखला साबित हुआ है कि आंदोलनकारियों पर पुलिस अथवा सीआरपीएफ ने नहीं बल्कि उपद्रवियों ने गोली चलाई है। कलेक्टर स्वतंत्र कुमार आज उत्तेजित ग्रामीणों को यह समझाने की प्रयास कर रहे थे कि गोलियों प्रशासन के कहने पर नहीं चलाई गर्इं। लेकिन इतना सुनने के बाद किसान और भड़क गए। विवाद बढ़ता देख कलेक्टर को अलग ले जाया जाने लगा इसी दौरान एक किसान ने कलेक्टर को पीछे से थप्पड़ मार दिया। इसके बाद कलेक्टर स्वतंत्र सिंह ने कहा कि गोली चलाए जाने को लेकर टीआई पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने इंदौर में पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगाया है कि सरकार किसानों की हत्या पर आमादा थी, यही वजह है कि किसानों की छाती और पीठ पर गोली मारी गई। शिवकुमार शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार में अफसरशाही पूरी तरह हावी है, 12 अफसर पूरी सरकार को चला रहे हैं। उन्होंने इन अफसरों पर भ्रष्टाचार के भी आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि दस जून से किसान पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कृषि कैबिनेट में फैसला लिया है कि किसानों के हित के लिए कृषि लागत और विपणन आयोग बनाएंगे। इसमें लागत मूल्य पर 50% अधिक कीमत पर किसानों की उपज खरीदी जाएगी। इसके साथ ही तुअर और मूंग की खरीदी के लिए तय की गई कीमत के आधार पर 10 जून से खरीदी करने का फैसला हुआ। बैठक में किसानों की कर्जमाफी पर भी चर्चा हुई इसके लिए सरकार किसानों के लिए समाधान योजना शुरू करने का विचार कर रही है। इसके तहत कर्ज न चुका पाने वाले किसानों का एक बार ब्याज माफ किया जाएगा।
मंदसौर गोलीकांड ने केंद्र सरकार को भी परेशानी में डाल दिया है। केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने गोलीकांड को बड़ी साजिश करार देते हुए इसके पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है। नायडू ने कहा किसान कभी हिंसक नहीं होता। आंदोलन में कुछ आसमाजिक तत्व शामिल हो गए हैं। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा है कि सरकार ने किसानों पर गोलियां चलवाई हैं। तन्खा ने कहा कि वे गोलीकांड के लिए सरकार और प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों और नेताओं के खिलाफ हत्या का मुकदमा दायर करवाएंगे। उन्होंने कहा आंदोलनकारी किसानों पर गोली चलाना सीधे उनकी हत्या करने जैसा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने आज दिल्ली में कहा कि शांतिपूर्ण अहिंसक आंदोलन पर सरकार और प्रशासन लाठियां और गोलियां बरसाकर दमन करने पर उतारू है। इससे खुद को किसान पुत्र कहने वाले शिवराज सिंह का चेहरा बेनकाब हो गया है। शिवराज जवाबदेही लेने के बजाए कांग्रेस पर आरोप लगा रही है।