भारत की तेल विपणन कंपनियां अब देशभर में रोजाना पेट्रोल की कीमतों की समीक्षा करेंगी। यह नई व्यवस्था 16 जून, 2017 से प्रभावी होगी।
यह जानकारी पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
देशभर में एक मई से पुडुचेरी, विशाखापट्नम, उदयपुर, जमशेदपुर और चंडीगढ़ में पेट्रोल-डीजल के लिए शुरू की गई दैनिक समीक्षा के पायलट प्रोजेक्ट में सफलता मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है।
भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) और हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) की यह मांग थी कि रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय की जाएं।
आपको बता दें कि इन तीनों तेल कंपनियों के देश में कुल पेट्रोल पंप में से 95 फीसद की हिस्सेदारी रखते हैं। देश में कुल 58000 पेट्रोल पंप हैं।
मौजूदा समय में देश की तीन ऑयल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम तथा हिंदुस्तान कॉरपोरेशन हर 15 दिन में तेल कीमतों की समीक्षा करती हैं।
इसके आधार पर पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत तय की जाती है। तेल कंपनियों की ओर से पांच राज्यों में यह पायलट प्रोजेक्ट इसलिए शुरू किया गया था ताकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव में खुद को ढाला जा सके।
इन तीन कंपनियों की फ्यूल रिटेल मार्केट में कुल मिलाकर 90 फीसद से ज्यादा की हिस्सेदारी है।
इस तरह यह कंपनियां व्यावहारिक रूप से ईंधन मूल्य निर्धारण में मानदंड स्थापित करती हैं। माना जा रहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल भी इन्हीं का अनुसरण कर सकती हैं।
दुनिया के कई विकसित देशों में तेल कंपनियां रोजाना कीमतों की समीक्षा करती हैं। इसे डायनेमिक फ्यूल प्राइसिंग कहा जाता है।रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती हैं।
इस फैसले से तेल कंपनियां रिटेल प्राइस को कच्चे तेल की कीमतों के आसपास रख सकेंगी। साथ ही इससे घाटा कम करने में भी मदद मिलेगी।