रेरा अध्यक्ष अंटोनी डिसा ने बताया है कि मध्यप्रदेश, देश में प्रथम राज्य हो गया है, जहॉ भू-संपदा एक्ट का विस्तार प्रदेश के सभी क्षेत्रों में किया गया है। पूर्व में यह एक्ट केवल 153 प्लानिंग क्षेत्रों में ही लागू था तथा वहां के आवासीय एवं व्यावसायिक प्रोजेक्ट में ही रेरा प्राधिकरण के समक्ष पंजीयन आवश्यक था। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेकर अब राज्य के सभी प्रोजेक्ट एक्ट के दायरे में लाते हुए पंजीयन संबंधी आवश्यकता को गैर-प्लानिंग क्षेत्र के लिये भी जरुरी कर दिया हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में प्लानिंग-एरिया के बाहर के क्षेत्रों में भी आवासीय तथा व्यावसायिक कॉम्प्लेक्सों का निर्माण हो रहा था परन्तु वहां के आवंटियों/ हितग्राहियों को वर्तमान में भू-सम्पदा अधिनियम के संरक्षण का लाभ इस आधार पर नहीं मिल पा रहा था कि वे प्लानिंग-एरिया के बाहर स्थित है।
रेरा के अध्यक्ष श्री डिसा ने बताया कि प्रदेश के किसी भी नागरिक को केवल इस आधार पर अधिनियम के संरक्षण से वंचित रखना कि वह प्लानिग क्षेत्र में नहीं रहता अथवा उनके द्वारा क्रय किये जाने जाने वाली सम्पत्ति प्लानिंग क्षेत्र के बाहर स्थित है, न्यायोचित प्रतीत नहीं है। अत: प्राधिकरण ने यह विनिश्चय किया है कि भू-सम्पदा अधिनियम का विस्तार मध्यप्रदेश के सम्पूर्ण क्षेत्र में किया जाकर, नॉन प्लानिंग क्षेत्र के प्रोजेक्ट को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। अतएव प्रदेश के सभी क्षेत्रों की अपूर्ण तथा नयी परियोजनाओं को अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन कराना अनिवार्य होगा तथा ऐसे क्षेत्रों के आवंटियों को भी अधिनियम का संरक्षण प्राप्त होगा।