भोपाल में किसानों का पथराव और आगजनी ,लाठीचार्ज-आंसूगैस
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गोलीकांड में घायल किसान की मौत, सांची में आत्महत्या

किसानों का उग्र आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाराज किसानों ने आज भोपाल के फंदा में अपनी मांगों के समर्थन में जमकर प्रदर्शन किया। प्रशासन की तमाम कोशिशें विफल नजर आर्इं और किसान हिंसा पर उतारू हो गए। इसी बीच मंदसौर गोलीकांड में घायल एक अन्य किसान की मौत की खबर ने किसानों को और आंदोलित कर दिया। वहीं सांची में कर्ज में डूबे एक किसान ने आज आत्महत्या कर ली। पूरे देश में किसान आंदोलन बढ़ता जा रहा है। 

मध्यप्रदेश में भड़का किसान आंदोलन देशव्यापी हो गया है। वहीं राज्य में भी इसका दायर बढ़ गया है। गुरुवार को आंदोलन की गूंज सागर, छिंदवाड़ा सहित बुंदेलखंड और महाकौशल के अन्य इलाकों में भी दिखाई दी। वहीं शुक्रवार को राजधानी भोपाल से सटे विकास खंड फंदा में किसानों ने कांग्रेस के साथ विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर बाद फंदा में किसान आंदोलन हिंसक हो गया। स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसूगैस छोड़ना पड़ी। फंदा में किसानों ने मंदसौर में किसानों की मौत और आंदोलन में शामिल कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे, इसी बीच मंदसौर गोलीकांड में घायल हुए किसान राधेश्याम धाकड़ की आज इंदौर के एमवाय अस्पताल में मौत हो गई। इसकी खबर मिलते ही प्रदर्शनकारी किसान और उग्र हो गए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए पत्थरबाजी शुरू कर दी। वहीं, पुलिस ने आंदोलन करने वाले दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। इससे पहले किसानों के भोपाल के फंदा, बैरसिया, बिलखिरिया रोड पर जमा होने की जानकारी के मद्देनजर प्रशासन ने रात भर किसान नेताओं को नजरबंद किया, और पूरे क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया। प्रदर्शन स्थल पर खासी संख्या में बैरिकेट्स लगाए गए। इसके अलावा पुलिस बल नीलबड़ और रातीबड़ में भी पुलिस बल तैनात किया गया साथ ही बैरसिया रोड, होशंगाबाद रोड, कोलार, रायसेन और नरसिंहगढ़ रोड पर भी पुलिस जांच अभियान चलाया गया, ताकि किसान ज्यादा संख्या में शहर में ना आ सकें। भारतीय किसान यूनियन के नेता अनिल यादव को तबीयत बिगड़ने के बाद आज प्रशासन ने रिहा कर दिया। उन्हें 2 जून को हिरासत में लिया गया था। गुरुवार को यूनियन की राष्ट्रीय  कार्यकारिणी ने उनकी रिहाई की मांग थी। 

 10 लाख के कर्ज में डूबा था किसान 

इधर, आंदोलन के दौरान एक किसान की आत्महत्या की खबर है। रायसेन जिले के देगांव थाना क्षेत्र में रहने वाले किसान किशन मीणा ने कल रात में सल्फास खा ली थी। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई है। रायसेन एसपी जेएस राजपूत के अनुसार कल रात जहर खाने के उपरांत उसे पहले रायसेन और बाद में भोपाल के हमीदिया अस्पताल के लिए रेफर किया गया था जहां उसकी मौत हो गई है। परिजनों ने पुलिस से कहा है कि मृत पांच साल से मानसिक रूप से विक्षिप्त था। इधर सूत्रों का कहना है कि मीणा पर एचडीएफसी बैंक का दस लाख रुपए का कर्ज था जिसके चलते उसने आत्महत्या की है। एसपी राजपूत ने इस जानकारी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा है तो जांच के बाद ही पता चलेगा। 

 मंदसौर, शाजापुर और उज्जैन में किसानों की बैठक

किसानों की समस्याओं  और मंदसौर में पुलिस फायरिंग में हुई किसानों की मौत को लेकर कल से पूरे प्रदेश में किसान जेल भरो आंदोलन चलाएंगे। भारतीय किसान यूनियन और भारतीय किसान मजदूर संघ के आव्हान पर आयोजित जेल भरो आंदोलन को लेकर आज किसानों की मंदसौर, शाजापुर, उज्जैन में बैठकें हो रही है। वहीं किसानों की फायरिंग को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने मंदसौर में 11 जून को बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया है। इसमें देशभर के किसानों को बुलाया गया है।  गुजरात में पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल सोमवार 12 जून को मंदसौर आ रहे हैं। यह जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी है। 

 शिवराज सिंह दमन का रास्ता छोड़े: कमलनाथ

पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा की एमपी में किसान हड़ताल का आज 9वां दिन, स्थिति बेकाबू, शिवराज अहंकार-दमन का रास्ता छोड़, अन्नदाता की मांगे माने और उन्हें उनका हक प्रदान करें। वहीं एक अन्य ट्वीट में लिखा, शिवराज का किसानों पर दमनचक्र जारी है। पहले लाठियां, फिर गोलियां और अब फर्जी मुकदमे लाद जेलों में ठूंसने की बारी है।  

छत्तीसगढ़ में कल से किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

तमिलनाडु  के किसानों ने फिर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसान नेताओं की मांग है कि 60 साल से ऊपर के किसानों को पेंशन मिलनी चाहिए। राज्य के किसान इससे पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर करीब एक महीने तक बिना कपड़ों के प्रदर्शन भी कर चुके हैं।

 हरियाणा और उत्तर प्रदेश  में भी किसान आंदोलन शुरू होचुका है वहीं, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन हुआ। यूपी के साथ हरियाणा में भी किसानों के विरोध की आवाज सुनाई दी। 

 महाराष्ट्र  में आशंका जताई गई है कि किसान 13 जून से रेल पटरियों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। वहीं 12 जून को कलेक्टर और तहसीलदारों के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा और 13 जून से रेलें रोकी जाएंगी। 

 पंजाब  में भी किसानों ने कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने को लेकर राज्यभर में 12 जून को प्रदर्शन करने का फैसला किया है। किसानों के सात संगठन 12 जून को राज्य के सभी जिला मुख्यालय पर धरना देंगे। हालांकि सरकार ने कहा है कि वह किसानों से चर्चा करेगी।