मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद देश भर में किसान सरकार के विरोध में मुखर हुए हैं और यह मामला राजनीति तूल पकड़ता जा रहा है। इस बार बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि कर्जमाफी अकेला समाधान नहीं है।
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि देश में किसानों की हालत खराब ह और सरकार ने अपने वादे नहीं निभाए। किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उपज के लिए अपर्याप्त और कम खरीद मूल्य वर्तमान कृषि संकट का आधार है।
नीतीश ने कहा कि किसानों के लिए कर्ज माफी अकेला समाधान नहीं है। अलग-अलग जगहों पर अलग समस्याएं हैं। कहीं किसानों की लागत बढ़ गई है और उत्पादन मूल्य में वृद्धि नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि मोदीजी ने चुनाव के समय कहा था कि लागत पर 50 प्रतिशत जोड़कर समर्थन मूल्य की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने जीएम सीड को लेकर केंद्र को पत्र लिखा है कि नई प्रकार की बीमारियां शुरू हो गई है। कृषि में यह अवधारणा है कि इन बीजों से जितना उत्पादन बढ़ेगा वो उतना ही गलत है। साथ ही उन्होंने लिखा कि फसल बीमा योजना किसानों के लिए नहीं है। हमें किसानों के हित को ध्यान में रखकर बेहतर नीति बनानी होगी।
नीतीश ने कहा कि जिस किसान ने कर्ज नही लिया वो संकट में नहीं है। बिहार में किसान कर्ज नहीं लेते हैं।उन्होंने ये भी कहा कि इस देश के जाट मराठा और पाटीदार आरक्षण की मांग कर रहे है, उसके पीछे कारण कृषि संकट ही है।
उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान का जवाब देते हुए कहा कि अगर बिहार और उत्तरप्रदेश के एनडीए और बीजेपी के नेता, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है वो सभी लोकसभा के सदस्य पद से इस्तीफा दे दें तो फिर से चुनाव कराने मे मुझे कोई एेतराज नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं कल ही बिहार और उत्तरप्रदेश में एक साथ कल ही चुनाव कराने को तैयार हूं। नीतीश कुमार कल उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2019 तो दूर है। नीतीश कुमार बताएं कि बिहार में कब मध्यावधि चुनाव कराना है, 2018 या 2017 में ही।
नीतीश ने ये बातें आज पटना के संवाद कक्ष में आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के दौरान कहीं। आज लोक संवाद में सुझाव देने के लिए आठ लोगों को बुलाया गया था। लेकिन संवाद में पांच लोग ही पहुंचे। सुझाव देने पहुंचे सुबोध कुमार ने कहा कि जमीन की खरीद बिक्री चाहरदिवारी करा कर हो, इससे जमीन की पहचान में परेशानी नहीं होगी।
सुबोध के सुझाव पर सीएम ने कहा कि जमीन की समस्या हर जगह व्याप्त है। इसके समाधान के लिए अधिकारियों से अध्ययन करने को कहा गया है। वहीं लोक संवाद में मुंबई से आये अमित सिंह ने महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए मोबाइल एप का दिया सुझाव दिया। लोक संवाद में भागलपुर के राजीव झा ने सीएम नीतीश को सुझाव देते हुए कहा कि पुलिस की मदद को लेकर आम लोगों के लिए एप विकसित किया जाना चाहिए।