mp कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन और बालाघाट सांसद बोधसिंह भगत के बीच सार्वजनिक मंच पर झगड़े ने भाजपा के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और भाजपा हाईकमान ने इस पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है।
प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, महामंत्री अजय प्रताप सिंह और महाकौशल प्रांत के संगठन मंत्री अतुल राय के बीच इस झगड़े को लेकर कार्यालय में बातचीत भी हुई, इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने बिसेन और भगत को तलब किया है। गौरीशंकर बिसेन बुधवार को दिल्ली में थे, उन्हें गुरुवार को भोपाल में रहने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर आयोजित मोदी फेस्ट के दौरान यह विवाद होने से भी पार्टी हाईकमान और पीएमओ ने मामले को गंभीरता से लिया है। गुरुवार को प्रदेश संगठन के नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक इस मसले पर चर्चा हुई।
हालांकि संगठन अभी तक दोनों नेताओं पर कार्रवाई का मन नहीं बना पाया है। शुक्रवार को उनसे इस संबंध में पूछताछ की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सांसद होने की वजह से प्रदेश नेतृत्व बोध सिंह भगत पर सीधे कार्रवाई नहीं कर पा रहा है, वहीं मंत्री होने के कारण बिसेन पर भी पार्टी कोई कड़ा कदम उठाने से बच रही है।
अनुशासित कार्यकर्ता होने का दंभ भरने वाली भाजपा के कई विधायक और महत्वपूर्ण पद पर बैठे लोग इससे पहले भी कई बार अनुशासनहीनता कर चुके हैं। जनवरी में भाजपा विधायक ममता मीणा ने मंत्री गोपाल भार्गव के कार्यक्रम का सबके सामने बहिष्कार कर दिया था। वहीं पिछले दिनों सागर में विधायक पारुल साहू ने सरेआम जिलाध्यक्ष राजा दुबे पर अपनी भड़ास निकाली थी। हालांकि पार्टी किसी पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई।