राजस्थान में चल रहा किसान आंदोलन अब संभाग मुख्यालयों के बजाए गांवों से ही चलेगा। किसान अब गांवों से सब्जियों और दूध की आपूर्ति रोकेंगे, मंडियां बंद रहेंगी और सड़कें जाम की जाएंगी। सोमवार को सभी संभाग मुख्यालयों पर आयुक्त कार्यालय का घेराव कर गिरफ्तारियां दी जाएंगी। वहीं 20 जून से ग्राम से संग्राम अभियान शुरू करेंगे।
राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने 15 जून से महापड़ाव शुरू किया था। इसके तहत राजस्थान के आठ बड़े शहरों जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर, अजमेर और सीकर में महापड़ाव दिया जा रहा था।
किसान संघ ने अनिश्चितकालीन महापड़ाव का दावा किया था, लेकिन चार दिन में सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं किए जाने पर अब संघ ने आंदोलन की रणनीति बदल दी है।
संघ के जोधपुर प्रांत के अध्यक्ष हीरालाल चौधरी ने बताया कि शनिवार को हुई संघ की बैठक में अब आंदोलन को तेज करने का निर्णय किया गया है, लेकिन यह आंदोलन अब संभागों के बजाए गांवों से ही चलेगा। किसान 20 जून से ग्राम से संग्राम अभियान के तहत गांव बंद किए जाएंगे। मंडियां बंद रहेंगी। गांवों से सब्जियों और दूध की आपूर्ति के साथ सड़कें रोकी जाएंगी।
चौधरी ने बताया कि चार दिन के महापड़ाव के बाद भी सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं किए जाने से साफ है कि सरकार शांतिप्रिय आंदोलन की सुनवाई नहीं करती। ऐसे में अब किसान के पास बंद के अलावा और कोई लोकतांत्रिक उपाय नहीं बचा है।