सचिवालय ने पूछा -केंद्र में कहाँ कहाँ अटका है पैसा
छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार

 

छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार से वित्त पोषित कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें समय पर पैसा न मिलने से काम अटका है। मनरेगा जैसी योजनाओं में अब पैसा आ रहा है, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई आदि विभागों में कई योजनाओं में पैसा मिलने में लेटलतीफी की शिकायतें आ रही हैं।

अब मुख्यमंत्री सचिवालय ने सभी विभागों से ऐसी लंबित परियोजनाओं की जानकारी मांगी है, जिनका प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है, लेकिन पैसा नहीं मिला है। मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध कुमार सिंह ने लिखा है कि यह जानकारी इसलिए चाहिए, ताकि सांसदों को मानसून सत्र के पहले प्रदेश की योजनाओं की पूरी जानकारी दी जा सके। सांसद जानकारी के आधार पर संसद में प्रश्न पूछ सकें और चर्चा में भाग ले पाएं।

सीएम सचिवालय ने कहा है कि सरकार ऐसी कई योजनाएं चलाती हैं, जिनकी स्वीकृति केंद्र से मिलती है। ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन की राशि पूर्णतः या अंशतः केंद्र से मिलती है।

विभागों से कहा गया है कि ऐसी योजनाओं की जानकारी दें, जिनके प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए हैं, लेकिन राशि नहीं मिली है। पहले से चल रही ऐसी योजनाएं, जिनका काम पैसा न मिलने से अटका हो, उसकी भी जानकारी मांगी गई है।

सांसदों को राज्यहित के मुद्दे बताने के लिए यह भी पूछा गया है कि विभागों ने स्वीकृत परियोजनाओं में आवंटन पाने के लिए केंद्र के संबंधित मंत्री या सचिव को कब-कब पत्र लिखा। जो पत्र व्यवहार किया गया है, उसकी फोटोकॉपी भी देने को कहा गया है।

समेकित बाल विकास परियोजना, हार्टीकल्चर, वन विकास परियोजना, मिड डे मील, स्मार्ट सिटी परियोजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय आयुष मिशन, कृषि, राष्ट्रीय ग्रामीण लाइवलीहुड मिशन आदि परियोजनाओं में जून के महीने में कोई पैसा नहीं मिला है।

पीएम आवास योजना, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप आदि योजनाओं में भी पैसा नहीं मिला है। हालांकि मनरेगा में इस महीने अब तक का पूरा बकाया मिला है। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पीसी मिश्रा ने बताया कि पीएम आवास के लिए पैसा मांगा गया है। केंद्र से आश्वासन मिला है कि इसी हफ्ते राशि जारी कर दी जाएगी।

केंद्र सरकार ने शिक्षा विभाग का करीब एक हजार करोड़ रूपया रोक रखा है। सर्व शिक्षा अभियान, माध्यमिक शिक्षा मिशन, साक्षरता मिशन आदि सभी मदों में पैसे का इंतजार किया जा रहा है। सर्व शिक्षा अभियान के पैसे से शिक्षाकर्मियों का मानदेय दिया जाता है। इस मद में राज्य सरकार अपने खाते से एडवांस जारी करके काम चला रही है।