पूर्व मुख्यमंत्री व जकांछ सुप्रीमो अजीत जोगी के जाति मामले में तीसरे दिन शुक्रवार को भी सियासी दांव-पेच चले। आदिवासी कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलकर जोगी के आदिवासी न होने की रिपोर्ट के आधार पर पिता-पुत्र के खिलाफ एफआईआर कराने की मांग की।
इस पर डॉ. सिंह ने उन्हें कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हमने हाईपावर कमेटी बनाई। अब प्रकरण को मुकाम तक पहुंचाएंगे। इधर जोगी कुनबा भी लामबंद है। अजीत जोगी बिलासपुर और रायपुर में वकीलों से रायशुमारी के बाद दिल्ली रवाना हो गए। वे वहां भी वरिष्ठ वकीलों के साथ मंथन कर अगला कदम उठाएंगे।
रायपुर में जूनियर जोगी ने सरकार और कांग्रेस को निशाने पर रखा। उधर अजीत जोगी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली समीरा पैकरा ने भी अपना पक्ष सुनने हाईकोर्ट में केविएट दायर कर दी है। प्रकरण के विरोध और समर्थन में कई शहरों में हल्लाबोल जारी है।
इस बीच नईदुनिया टीम ने जोगी के पैतृक ग्राम जोगीसार जाकर पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। यहां के ज्यादातर ग्रामीणों का कहना है कि जोगी कंवर जाति के नहीं हैं। कुछ ने उनकी जाति की सही जानकारी होने से इनकार किया।
मरवाही विधानसभा के गौरेला से 22 किमी दूर जोगीसार को जोगी अपना पैतृक गांव और लोगों को रिश्तेदार बताते हैं। नईदुनिया टीम ने पाया कि गांव में चार टोला (मोहल्ला) हैं। यहां कंवर जाति के लोगों की संख्या अधिक है।
पहले शख्स नानू सिंह कंवर (90) मिले, जिन्होंने बताया कि हम कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं। जोगी कंवर हैं, नहीं जानते। तराईपारा मोहल्ले के मानसिंह नागेश (63) ने दो टूक कहा कि वे नहीं मानते कि जोगी आदिवासी हैं।
इसी तरह सरिसटोला के कुंवर सिंह कंवर (65) का कहना था कि जोगी चुनाव के चलते आदिवासी बने हैं। खट्टरपारा मोहल्ले के जेवन सिंह पैकरा (60) ने कहा कि सरकार ने तो फैसला कर दिया है कि वे नकली आदिवासी हैं।
अजीत जोगी की जाति मामले में आदिवासी कांग्रेसियों ने शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात कर एफआईआर कराने की मांग की। आदिवासी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष शिशुपाल सोरी और आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के नेतृत्व में सीएम हाउस पहुंचे प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि अधिनियम की धारा 10 व नियम 24 के अंतर्गत कमेटी अपने निर्णय के तहत एफआईआर कराने के लिए बाध्य है।
बाद में सोरी ने मीडिया से कहा कि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग अधिनियम के प्रावधानों में जाति फर्जी पाए जाने पर सजा और अर्थदंड का प्रावधान भी है। आदिवासी होने के नाम पर जोगी ने आज तक जितना धन अर्जित किया है, उसकी भी वसूली की जानी चाहिए।
कमेटी को इसका पूरा अधिकार है। आदिवासी समाज चाहता है कि इस मामले में कठोर कार्रवाई हो, जिससे आदिवासी होने के नाम पर लाभ लेने वालों का गोरखधंधा खत्म हो सके। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जाति मामले में हाईपावर कमेटी का निर्णय ही अंतिम माना जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल को डॉ. सिंह ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हमने हाईपावर कमेटी का गठन कर जो काम किया है, उसे मुकाम तक पहुंचाएंगे। सीएम को सौंपे ज्ञापन में शिशुपाल सोरी, गंगा पोटाई, डॉ.प्रेमसाय सिंह, कवासी लखमा, अनिला भेड़िया, तेजकुंवर नेताम समेत कई नेताओं के दस्तखत हैं।
हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट को झूठा करार देते हुए जोगी समर्थकों ने जोरदार विरोध किया। जकांछ युवा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी के नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं ने कमेटी के सदस्यों पर सवाल उठाया। वहीं, मुख्यमंत्री को आदिवासी विरोधी बताते हुए पुतला जलाया।
जोगी की जाति मामले में समीरा ने भी पेश की केविएट
जोगी की जाति मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष समीरा पैकरा ने भी हाईकोर्ट में केविएट दाखिल की है। पैकरा ने इसमें कहा है कि पूर्व विधायक पहलवान सिंह मरावी समेत मरवाही क्षेत्र के 200 लोगों ने जोगी और उनके पुत्र की जाति को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका हाईकोर्ट में लंबित है। ऐसी स्थिति में समिति की रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दाखिल की जा सकती है,तो उनका पक्ष भी सुना जाए। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को इसी मामले में याचिका दाखिल करने वाले संतकुमार नेताम ने अलग से केविएट दाखिल की है।
अजीत जोगी 2 दिन तक बिलासपुर और रायपुर में वरिष्ठ वकीलों से सलाह-मशविरा के बाद शुक्रवार शाम नियमित विमान से दिल्ली रवाना हुए। पार्टी प्रवक्ता सुब्रत डे ने बताया कि जोगी शनिवार को अजमेर में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए हैं, जो पहले से तय था। जोगी के आदिवासी न होने के हाईपावर कमेटी के निर्णय को चुनौती देने उसका बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।