कोरबा / चाय की चौपाल
कोरबा / चाय की चौपाल

राजेन्द्र जायसवाल

कोरबा जिले की पुलिस आधी रात जगह-जगह चाय की चौपाल लगा रही है जिसमें रूक कर चाय पीने वालों को सुखद और खास अनुभूति होने लगी है। वैसे पुलिस के बारे में जुमला है कि इनकी चाय बड़ी महंगी पड़ती है पर अभी रात में जागकर पिलाई जा रही चाय वाहन चालकों के जीवन पर नींद की झपकी के कारण आने वाले संकट को टालने की वजह से काफी फायदेमंद हो रही है। अब आखिर पुलिस के द्वारा रात में चाय-पानी पिलाते समय कैसा नजारा रहता होगा, यह देखने के लिए ही कुछ लोग अपनी गाड़ी निकालकर रात में घूमने निकल पड़ते हैं। वैसे पुलिस कप्तान के इस अभिनव पहल को सराहना मिल रही है। 

चार दिन की चांदनी

गली-गली झाडू उठाकर साफ-सफाई को बढ़ावा देने वाला स्वच्छता अभियान चार दिन की चांदनी बनकर रह गया। शोर- शराबे, तामझाम, लाव लश्कर के साथ गली कूचों में निकलने वाले खास चेहरे भी अब अभियान से दूर हो चुके हैं। शुरूआती दौर में एक अलग समिति ही बना दी गई किन्तु कागजों में सिमटी समिति कागज से बाहर निकलकर धरातल पर नहीं पहुंच पाई है। बारिश में बजबजाती गंदगी इस बड़े अभियान और समिति के जिम्मेदारों को चिढ़ाती नजर आती है। 

मखमल पर टाट का पैबंद

नगर को संवारने एवं यहां आने वालों को मंत्रमुग्ध कर देने के लिए लाखों रूपये बहाकर सौंदर्यीकरण, चित्रकारी और अन्य जतन लगातार निगम क्षेत्र में कराये जा रहे हैं। दूसरी तरफ इन्हीं साज-सजावट के दूसरे पहलू के रूप में नगर की उबड़-खाबड़ और एक तरफा भागती सड़कें, बरसात के दौरान छोटे-बड़े तालाब, नहर का शक्ल लेती सड़कें सौंदर्यीकरण के मखमल पर टाट का पैबंद साबित हो रही हैं। अब जनता तो यहां तक कहती है कि सौंदर्यीकरण भले न करें पर पानी की निकासी और सड़कों और नालियों की व्यवस्था दुरूस्त कर दें तो यही उनके लिए सौंदर्यीकरण होगा। 

अफसरों की नजर-ए-इनायत

दिया तले अंधेरा की कहावत को साकार करने वाले ऊर्जानगरी के बिजली अफसरों की नजरें यहां की जनता पर इनायत नहीं हो पा रही है। वजह चाहे कुछ भी हो किन्तु मेंटनेंस में लापरवाही, उपकरणों की खरीदी में भ्रष्टाचार का नतीजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। बिजली जले या न जले भारी भरकम बिल अपने समय पर दस्तक दे जाता है। अब तो बारिश के मौसम में आंधी चलने, हल्की सी बारिश होने पर ही लाईट गुल करने का सुनहरा मौका भी इन्हें मिल जाता है। जनता इस सवाल का जवाब खोज रही है कि जब 24 में से बमुश्किल 5-6 घंटे ही बिजली नसीब हो पाती है तो बिल पूरा क्यों भरा जाए? गांव की जनता के लिए तो बिजली का बिल दूध-भात के समान होना चाहिए, क्योंकि यहां हफ्ते भर बिजली लौटने का नाम नहीं लेती।

लोजपा नेता की अपनी धाक

केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी के नेता को मंत्री महोदय ने खाद्य निगम आयोग का डायरेक्टर नियुक्त कर जिले का जिम्मा सौंपा है। लोजपा नेता की नई-नई चमचमाती वाहन के आगे-पीछे और नंबर प्लेट पर लगे पदनाम की चर्चा खूब है। 

बैन हटे तो किस्मत चमके

सरकारी कर्मचारियों के तबादला पर इस साल अभी तक प्रतिबंध नहीं हटने पर शासकीय सेवकों में तो मायूसी है ही, इससे कहीं ज्यादा मायूस और निराश वे छुटभइये नेता हैं जो मनपसंद जगह पर तबादला कराने के बहाने अपनी किस्मत चमकाने की फिराक में रहते हैं। वैसे अगले वर्ष विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज जाएगी और इससे पहले अपना हित साधने के प्रति चिंतित लोग ईश्वर से मनाने लगे हैं कि तबादले पर लगा प्रतिबंध जल्द हटाने की सद्बुद्धि सरकार को मिले। 

अफवाह यह भी

अब यह अफवाह कौन फैला रहा है कि कोरबा नगर निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण में तीसरा रेंक दिलाने व उनकी बेहतर कार्य प्रणाली से प्रभावित होकर प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री निगम आयुक्त को अपने क्षेत्र में लाने प्रयासरत हैं। 

एक सवाल आप से❓

सत्तापक्ष की महिला नेत्री से छेड़छाड़ करने के आरोपी युवा नेता को आखिर संगठन के किस नेता का वरदहस्त प्राप्त है कि उस पर एफआईआर के बाद भी न तो पुलिस और न संगठन कोई कार्यवाही कर रहा है?