मुंबई की एक अदालत ने टाटा समूह से निकाले गए अध्यक्ष सायरस मिस्त्री और अन्य लोगों के खिलाफ टाटा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आर वेंकटरमणन द्वारा दायर की गई मानहानि की शिकायत को संज्ञान में ले लिया है। इसके साथ ही इन सभी को 24 अगस्त को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया गया है।
इस मामले में सायरस के भाई शापोर मिस्त्री और उनकी फर्म से टाटा की छवि को खराब करने के लिए 500 करोड़ का मुआवजा और बिना शर्त मांफी मांगने को कहा गया है। वेंकटरमणन ने अपने खिलाफ की गई गलत बयानी के लिए मिस्त्री के खिलाफ 500 करोड़ रुपये की आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।
वेंकटरमण के मुताबिक, टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद सायरस ने एक चिट्ठी में उन पर 22 करोड़ रुपए के लेन-देन में गड़बड़ी का आरोप लगाया था, जो बेबुनियाद है। साथ ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में चल रहे केस के दौरान भी सायरस ने कई झूठे आरोप लगाए हैं।
मिस्त्री के कार्यालय ने याचिका दायर करने को बदनियत से और अपरिपक्व प्रॉक्सी लड़ाई करार दिया, जिसे टाटा कैंप ने वेंकट के जरिये किया है। इसमें आगे कहा गया है कि टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन टाटा ग्रुप को दमनकारी आचरण और कुप्रबंधन से बचाने के लिए सही काम करते रहेंगे।