काम करने का जज्बा हो और ईमानदारी से मेहनत की जाए तो किस्मत बदलते देर नहीं लगती। भिलाई स्टील प्लांट के सीईओ (चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर) एम रवि पर यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है। रवि को करीब बीस साल पहले जिस बंगले के गार्ड ने वहां प्रवेश की इजाजत तक नहीं दी थी, आज उसी बंगले में वे बतौर मुखिया रहते हैं।
बीएसपी के सीईओ एम रवि ने खुद इसकी पुष्टि की। बीएसपी के सीईओ शनिवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। वहां पहले से बीएसपी के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। इसी दौरान चर्चा में बीएसपी के सीईओ बंगले की बात छिड़ी।
एक अधिकारी ने कहा कि तालपुरी स्थित बीएसपी एमडी (अब सीईओ) बंगले की भव्यता की चर्चा सेल की दूसरी यूनिटों सहित शासन- प्रशासन के लोगों में होती है। इसपर सीईओ रवि ने कहा कि सन् 1997- 98 में जब वे बीएसपी के एसएमएस-1 में एजीएम थे तो उनके बेटे ने एमडी बंगला देखने की जिद्द की।
इस पर रवि ने अपने स्कूटर पर बेटे को बिठकार एमडी बंगला दिखाने पहुंचे तो वहां के गार्ड ने उन्हें रोक दिया। रवि ने गार्ड से कहा कि उन्हें बंगला देखना है। इस पर गार्ड ने यह कहकर वापस कर दिया कि यह एमडी बंगला है, घूमने की जगह नहीं। इसके बाद बीएसपी का सीईओ बनने के बाद अगस्त 2016 से एम रवि उसी बंगले में मुखिया के तौर पर रह रहे हैं।
सीईओ एम रवि ने बताया कि तालपुरी में एमडी (सीईओ) बंगला में शिफ्ट होने के कुछ समय बाद उनके बेटे ने सन् 1997-98 की उक्त घटना की याद दिलाई। पूर्व में उनके साथ घटित हुई घटना को वे भूल चुके थे। गौरतलब है कि भिलाई स्टील प्लांट के सीईओ व ईडी स्तर के अधिकारियों के लिए तालपुरी में सर्व सुविधायुक्त अलग-अलग बंगले बनाए गए हैं। इसमें बंगला-1 सबसे खास है। इसमें ही सीईओ रहते हैं।