व्यापम बनेगा स्वतंत्र और निष्पक्ष
व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की पुनर्संरचना के प्रस्ताव को शिवराज कैबिनेट ने लगातार दूसरी बार लौटा दिया है। मंगलवार को विधानसभा में शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने यह कहते हुए प्रस्ताव पर विचार करने से इंकार दिया कि इसमें सरकार के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए। इसलिए नया प्रस्ताव तैयार किया जाए। पुनर्संरचना के लिए उच्च स्तर पर गठित समिति की सिफारिश पर व्यापमं को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के नियंत्रण से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन लाने का प्रस्ताव था। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापमं एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था रहे, इस तरह से दोबारा प्रस्ताव तैयार किया जाए। इसें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। यह दूसरा मौका जब कैबिनेट इस प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं किया। मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण ने अपनी योजनाओं का प्रस्तुतिकरण भी कैबिनेट के सामने किया। कैबिनेट की बैठक में आज चार विधेयकों को मंजूरी दी गई। ये विधेयक विधानसभा के मौजूदा सत्र में ही पारित कराए जाएंगे। इनमें मप्र वैट द्वितीय संशोधन विधेयक, विधि संशोधन विधेयक, रजिस्ट्रीकरण मप्र संशोधन विधेयक और भारतीय स्टाम्प मप्र संशोधन विधेयकों को मंजूरी दी गई। रजिस्ट्रकरण मप्र संशोधन विधेयक में ऑनलाइन रजिस्ट्री का प्रावधान किया गया जबकि भारतीय स्टाम्प मप्र संशोधन विधेयक के जरिए संयुक्त परिवार की संपत्ति की रजिस्ट्री पर लगने वाले पांच प्रतिशत स्टाम्प शुल्क को घटाकर ढाई प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है।